Breaking News—कांग्रेस की अज्ञानी टीम की बनाई गई 10 गारंटियां सुक्खू सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं,ओल्ड पैंशन बहाल का मुद्दा अभी तक हल नहीं हो पा रहा है तो ,बागवान सेब के रेट तय करेंगे, वाली गारंटी पर ,बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने दो टूक कह दिया कि सेब के दाम किसान तय नहीं करेंगे,जगत सिंह नेगी को साफ-साफ बोलने वाला राजनेता माना जाता है,उनके बयान से बागवानी से जुड़े नेताओं ने धमकी दी है कि वे आन्दोलन करेंगे ;यदि ऐसा नहीं हो सकता था तो गारंटी में कयों डाला?अब लोग खुद कहने लगे हैं कि कांग्रेस की गारंटियों की कोई गारंटी नहीं है,सुक्खू सरकार के खिलाफ दो महिने में रोष पनपना शुरू हो गया है, लगता है कि गारंटियां आसमान से तारे तोड़कर लाने जैसी थी।
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार के लिए कांग्रेस की 10 गारंटियां मुसीबत बनती जा रही हैं,एक ओर ओल्ड पैंशन पर खड़े होते रोड़े,दूसरी ओर महिलाओं को हर महिने 1500 देने की गारंटी और अब बागवान अपनी फसल का मूल्य तय करेंगे वाली गारंटी पर बागवानी मंत्री जगत सिंह की दो टूट कि बागवान अपने फसल का मूल्य तय नहीं करेंगे। कांग्रेस के लिए गर्म दूध की तरह हो गई हैं कि उगलें या निगलें।
सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही ही कुछ बेसहारा दीन साधनहीनों के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए जो निर्देश दिये थे खासकर अनाथालयों जाकर वहां रह रहे बच्चों बड़ों का हाल जाना ,सचमुच ही एक गंभीर विषय संवेदनशील पहल थी। उससे आम जनता में सरकार के प्रति अच्छी भावना उत्पन्न हुई थी लेकिन, जैसे जैसे प्रदेश की हालत पर उनके कुछ बयान आये उनसे कई विवाद खड़े हो गये और चर्चा का विषय बन गये।
चुनाव से पूर्व जो पार्टी विपक्ष में होती है वह जनता को यह आश्वासन देती है कि हम तारे तोड़कर लायेंगे, और जनता की झोली में डाल देंगे,लेकिन जब वायदे पूरे नहीं होते तो जनाक्रोश पनपता है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की टीम जिसने गारंटी वाला पत्र तैयार किया वह शायद हिमाचल की परिस्थिति से अनभिज्ञ थी इसलिए अनाप शनाप गारंटी लिख कर सत्ता तो प्राप्त कर ली लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार के लिए मुसीबत का जाल बुन दिया धीरे धीरे अब गारंटियां मुसीबत बन गई हैं।
गणेश दत्त।
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