♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

मोदी -अमितशाह-योगी सत्ता में नहीं होते तो क्या होता?किसी ने अनुमान लगाया होगा या नहीं भाजपा विरोधी – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विरोधी किस प्रकार से देश तोड़ने वालों का साथ दे रहे हैं सारा देश देख रहा है,PFI पर प्रतिबंध लगाने के बाद कितनी देश विरोधी ताकतें प्रतिबंध के खिलाफ खड़े हो गए यह भी सभी ने देख लिया है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देश विरोधी ताकतों के साथ जोड़कर राष्ट्र वादी संगठन को बदनाम करने की चाल के पीछे कौन हैं इसकी तह में जाने की आवश्यकता है।

भारत सरकार ने समाज विरोधी और देश तोड़ने की योजना बनाने वाले संगठनों पर पाबंदी लगाने का जो निर्णय लिया है यह एक सराहनीय निर्णय है देश विरोधी ताकतों को एक कड़ा संदेश देने का सराहनीय कार्य है।

भारत सरकार ने PFI people front of India नाम के संगठन पर 5 साल तक प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है यह संगठन कई सालों से अलग अलग नामों  से आतंकवादी और अलगाव वादी गतिविधियों में शामिल था इसके नेता भारत सरकार-हिन्दुत्व प्रधान मंत्री तथा गृह मंत्री के खिलाफ एक अभियान चला रहे थे जिसका खुलासा समय समय पर सुरक्षा ऐजैन्सियों की खुफिया रिपोर्ट के आधार पर होता रहा है।

चिंता का विषय यह है कि जैसे ही इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया देश के राजनीतिक दलों के साथ साथ मुश्लिम नेता असौबुद्धिन ने इसका कड़ा विरोध करना शुरू किया सभी ने राष्ट्र वादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो कि देश को प्रथम मानकर अपनी माता की तरह ही देश को सम्मान देता है,बिना किसी सरकारी सहायता से संगठन का संचालन करता है कहीं पर भी किसी प्रकार के उन्माद का विरोध करता है अपने स्वयंसेवकों को सेवा संस्कार देकर कठिन दौर में सेवा कार्य को करने की प्रेरणा देता है ऐसे संगठन को आतंकवादी संगठन के साथ जोड़कर देखना उनकी घटिया मानसिकता व दिमागी दिवालियापन को दर्शाता है।

आज देश में एक मजबूत व राष्ट्र भक्त संगठन सत्ता में है,नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधान मंत्री-अमितशाह जैसा गृह मंत्री तथा योगी जैसा सबसे बड़े प्रददेश का मुख्य मंत्री है तो लोगों का विश्वास इस नेतृत्व पर बना हुआ है  ।यदि कमजोर व लचर स्वभाव वाला नेतृत्व होता तो इस देश को तोड़कर मुगल शासन स्थापित करने से कोई नहीं बचा सकता था। P FI पर प्रतिबंध के बाद कुछ नेताओ व कुछ संगठनों के बयान हैरान करने वाले हैं ऐसे नेताओं और संगठनों पर भी कड़ी नजर रखने की जरूरत है जो आतंकवादी व उग्रवादी संगठनों का समर्थन करते रहते हैं।

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

[responsive-slider id=1811]

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129