Breaking News— हिमाचल प्रदेश कैबिनेट का विस्तार,7 मंत्री व 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाये गये,बरिष्ठता का ध्यान रखा गया लेकिन क्षेत्रीय व जातीय असंतुलन बरकरार,सात मंत्रियों में सर्वश्री धनीराम शान्डिल,चन्द्र कुमार चौधरी,हर्षवर्धन चौहान,जगत सिंह नेगी ,रोहित ठाकुर,अनिरुद्ध सिंह व बिक्रमादित्य सिंह कैबिनेट मंत्री बने हैं, मंत्रिमंडल में दबदबा हौलीलौज के समर्थकों का रहा ,बेशक अभी कुछ लोग पाला बदलकर सुक्खू के साथ दिखे लेकिन आस्था हौलीलौज के साथ ही रहेगी।6 संसदीय सचिव क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए बनाये गये।
लगभग एक माह पूर्व सत्ता में आई कांग्रेस सरकार का आज कैबिनेट विस्तार हो गया। 7 सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
राज्यपाल आदरणीय राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सभी विधायकों को एक सादा समारोह व गरिमामय कार्यक्रम में राजभवन में शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व मुख्य मंत्री ने 6 संसदीय सचिवों को शपथ दिलाई। इस प्रकार आज की शपथ ग्रहण की औपचारिकता को पूर्ण किया गया।मंत्रिमंडल विस्तार की हैरान करने वाली खबर यह है कि पहले से संभावित सुधीर शर्मा व राजेश धर्मानी का नाम सूचि में शामिल नहीं था।
6 संसदीय सचिवों में कांगड़ा जिला से आशीष बुटेल और किशोरी लाल,शिमला जिला से मोहन लाल ब्रागटा,सोलन जिला से संजय अवस्थी व राम कुमार कुल्लू से सुन्दर सिंह को संसदीय सचिव की शपथ दिलाई गई।
अभी मंत्रिमंडल में 3 सदस्य व एक चीफ व्हिप व एक व्हिप और एक योजनाबोर्ड के उपाध्यक्ष का पद खाली रखा गया है।विधान सभा उपाध्यक्ष का पद भी अभी खाली रखा गया है जिसे जिसे बजट सत्र में भरा जा सकता है।
पूरे मंत्रिमंडल में राजपूतों का दबदबा रहा है।केवल एक ब्राह्मण मंत्री के रूप में मुकेश अग्निहोत्री मंत्रिमंडल में हैं।संसदीय सचिवों में भी ब्राह्मण समुदाय से केवल संजय अवस्थी को बनाया गया है।
कुलमिलाकर अभी मंत्रिमंडल अधूरा है इसलिए जातीय समीकरण की बात करना बेमानी होगी लेकिन जो तस्वीर अभी तक सामने आई है उससे यह कह सकत हैं कि मंत्रिमंडल में जातीय व क्षेत्रीय असंतुलन बरकरार है।
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