हिमाचल लोकसभा चुनाव में जातिवाद समाप्त हो गया है,अब कोई यह नहीं कहेगा कि वह ब्रह्ममण है में राजपूत हूं,वह अगड़ी जाति का है में पिछड़ी जाति का हूं इसलिए मेरे पक्ष में वोटों का धुर्वीकरण करो,इस बार सभी प्रत्याशी एक ही जाति के हैं,हमीरपुर संसदीय सीट से व मंडी संसदीय क्षेत्र से दोनों पार्टियों के प्रत्याशी राजपूत हैं,कांगड़ा से दोनों पार्टियों के प्रत्याशी ब्राह्मण हैं और शिमला संसदीय क्षेत्र से दोनों पार्टियों के कश्यप हैं इसलिए जातिवाद का प्रचार समाप्त हो गया.अब योगदान व योग्यता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रभाव पर मतदान होगा.
हिमाचल के लोकसभा चुनाव में जातिवाद की लड़ाई समाप्त हो गई है,यह पहला अवसर होगा जब सभी क्षेत्रों से एक ही जाति के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, हम यह भी कह सकते हैं कि हिमाचल में जातिवाद समाप्त हो गया है.
गणेश दत्त.
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