सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट कब ,जल्दी या मकर संक्रान्ति के बाद,O P S का बेसब्री से इंतजार कया होगा फार्मूला;छत्तीसगढ वाला या कुछ और,महिलाओं को 1500 प्रति माह और 300 यूनिट बिजली फ्री फिलहाल सरकार की प्रथमिकता नहीं;युवा भी 1 लाख की नौकरियों की वाटजोह रहे हैं, कठिन डगर है इस पनघट की,मुख्य मंत्री सुक्खू प्रधान मंत्री जी से मिलने दिल्ली जा सकते हैं।
एक माह पूर्व बनी कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के परीक्षा का समय आ गया है।पहली कैबिनेट में कर्मचारियों के सबसे बड़े मुद्दे ओल्ड पैंशन को बहाल करने का विषय आम जनता और कर्मचारियों की प्राथमिक विषय का उत्सुकता का विषय है ।अपने ऐजैन्डे में कांग्रेस ने ओल्ड पैंशन को विधान सभा में जमकर भुनाया और मुद्दा सिर चढ़कर बोला भी है।अब सरकार की परीक्षा का समय है कि सरकार इस मुद्दे को किस प्रकार से लागू करती है छत्तीसगढ की सरकार ने तो नया रास्ता ठूंठ लिया है उन्होंने ओल्ड पैंशन को 1 अप्रैल 2023 से लागू करने का निर्णय लिया है लेकिन यह भी आसान नहीं होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी समस्या मंत्रिमंडल में संतुलन बनाए रखना भी कोई आसान काम नहीं है।खासकर कांगड़ा की कीमत पर दूसरे जिलों को मजबूत करना सरकार के लिए बड़ी कड़ी चुनौती है।इसके साथ ही अलग अलग गुटों व गुट को एक साथ जोड़ना भी गंभीर समस्या है।
अभी सरकार के पास तीन मंत्रियों की सीटें खाली पड़ी हुई हैं सभी को को यह बताने का कि आपका नंबर लग सकता है साथ जोड़े रखने के लिए काफी है।
सी पी एस बनाये गये विधायकों पर हटने की तलवार भी लटकी रहेगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस विषय को न्यायालय में ले जाने का निर्णय लिया है।यदि न्यालय द्वारा उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया तो क्या होगा?होगा यह कि सुक्खू सरकार के खिलाफ विधायकों में रोष व्याप्त हो जायेगा।
अब सुक्खू सरकार को अपने लोगों को विभिन्न बोर्ड कार्पोरेशन में लगाना रहेगा।अभी उच्च न्यायालय में अतिरिक्त अधिवक्ताओं के लगाये जाने पर भारी रोष पैदा हुआ है इसमें क्षेत्र विशेष को ही महत्व दिये जाने की खबर है।उम्मीद करनी चाहिए कि भविष्य में होने वाली नियुक्तियां रोष को कम कर पायेगी।
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