सेब उत्पादन व व्यवसाय पर मौसम की मार,पहले फसल कम उपर से भारी वारिस भूस्खलन से सेब को मण्डी तक पहुंचाना कठिन काम,सेब में पतझड़ से किसान वागवानों की चिंता बढ़ा दी है,मण्डी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत रेट तो 12:00रुपये किलो कर दिया लेकिन पिछले साल की Mis की पेमेंट अभी तक वागवानों को नहीं मिली HPMC के पास तो 2_4 साल का बागवानों का बकाया है हिमाचल में सेब से 6 हजार करोड़ से अधिक की आर्थिकि पैदा होती है।
प्रदेश की आर्थिकी को संबल प्रदान करने वाले सेब को मंडियों तक पहुंचाने मार्किंग करने का संकट पैदा हो गया है।6000 करोड़ की आर्थिकी का यह उद्योग मौसम की मार झेल रहा है पहले पतझड़ उसके बाद सड़कों का टूटना और अब मार्किट में सेब के मूल्य को स्थिर रखना बागवानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
प्रदेश सरकार ने एम आइ एस के सेब का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन गत वर्षों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
इस बार फसल कम है लेकिन दाम ठीक मिल रहे थे लेकिन मौसम ने सब कुछ चौपट कर दिया है कुछ मिलाकर 6 सौ करोड़ की आर्थिकी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
- गणेश दत्त।
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