पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी सम्मेलन को सफल बना कर हिमाचल सरकार व विधान सभा अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार की बल्ले बल्ले हो गई, लोक सभा अध्यक्षश्री ओम बिरला, ने आज समापन समारोह में प्रदेश की भूरि भूरि प्रशंशा की,राज्यपाल आदरणीय राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकरी ने किसी भी, कमी के लिए प्रतिनिधियों से कमियों को यहीं छोड़कर, अच्छी समृतियों को साथ ले जाने का आग्रह किया,केंद्रीय कैबिनेट मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने सभी डेलीगेट्स का हिमाचल की देवभूभि व वीर भूमि की ओर से धन्यवाद किया, सफलतम बैठक का श्रेय विधान सभा अध्यक्ष व मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर को जाता है,जिन्होंने पूरी रूचि के साथ सम्मेलन को सफल बनाया।
पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी सम्मेलन में देश भर से आये प्रतिनिधियों ने 10 प्रस्ताव पारित किये जिसमें सभी जनप्रतिनिधियों को सदन में चर्चा के लिए अधिक से अधिक समय देने और समन्वय के साथ सदन की कार्रवाई संचालित करने के वकालत की गई।
समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि जनसमस्याओं को उजागर करने के लिए शून्य काल आरम्भ करने की आवश्यकता पर बल दिया,उन्होंने कहा कि किसी भी तात्कालिक समस्या को उठाने के लिए शून्य काल बहुत उपयोगी साबित हो सकता है।
उन्होंने आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने की बात की ।
हिमाचल के राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को एक ऐतिहासिक सम्मेलन बताते हुए सभी पीठासीन अधिकारियों को इस सम्मेलन में पारित सभी प्रस्तावों को लागू करने की बात की और सभी पुराने कानूनों की समीक्षा करने को कहा।
केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल की विधान सभा का स्वर्णिम इतिहास का वर्णन किया और कहा कि हिमाचल प्रदेश कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है जिसमें पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन एक और कड़ी के रूप में जुड़ गया है।
विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सभी डेलोगेटस का स्वागत किया और विधान सभा उपाध्यक्ष श्री हंसराज ने सभी का धन्यवाद किया।
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