एक अच्छी खबर, बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं।
कोविड संकट के बीच बागवानों की गुठलीदार फसल चैरी ,पललम् ,आड़ू,खुरमानी हरे बादाम अच्छे दामों पर हाथों हाथ बिक रहे हैं यह एक सुखद समाचार है,यद्पि सारा व्यापार होटेल लाइन पर्यटन उद्योग कोरोना महामारी से चौपट हुआ है।हिमाचल का मुख्य उद्योग पर्यटन है।लेकिन गत 2 वर्षों से इसमें गृहण लग गया है।
हिमाचल के बागवानों इस वर्ष चैरी में अचछे दाम मिले हैं गत वर्षों में चैरी अधिकतर 150; रू प्रति किलो के हिसाब से बिकती थी लेकिन इस वर्ष वही चैरी 300;00रू प्रति किलो मिल रही है,जो हरा बादाम 50_60 किलो मिलता था वह 100 से150 रू प्रति किलो बिक रहा है,जो पल्म 40-50 रू किलो बिकता था वस 10- से 200 रू किलो है इसी प्रकार अन्य गुठलीदार रसीले फलों के दाम भी काफी ऊंचे हैं।यह बड़े संतोष का विषय है कि बागवान अपने फसल के अच्छे दाम मिलने से खुश हैं।
उम्मीद करनी चाहिए कि सेब की फसल के दाम भी अच्छे मिलेंगे।चिन्ता का विषय यह है कि कई स्थानों में अतिब्रष्टि व ओलों के कारण बागवानों को चिंता सता रही कयोंकि जो फसल ओलाग्रस्त है उसके अच्छे दाम नहीं मिल पायेंगे।उन्हें वह फसल एम आई एस के तसत कम दामों पर बेचनी पड़ेगी कई स्थानों में सेब की फसल बहुत अच्छी भी है ,उसके अच्छे दाम मिल पायेंगे।
मुख्य म॔त्री श्री जयराम ठाकुर बागवानो फसल अचछे दामों में बिके उसके प्रति गंभीर है और सरकार की ओर से परे प्रयास किये जा रहे हैं बागवानी मंत्री श्री महेंद्र सिंह भी सेब की फसल के उचित दाम मिलें उसके लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैः
गणेश दत्त।
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