विपक्ष की सांझा बैठक शिमला में करना क्या महत्व रखता है, क्या आमआदमी पार्टी को किनारे लगाने के लिए हिमाचल चुना गया?कांग्रेस व अन्य दलों के पास कोई और ठौर ठिकाना भी नहीं है जहां सांझा बैठक हो सके। शिमला का मतलव है कांग्रेसी राज्य से कांग्रेस के लिए नेतृत्व तलासना व अपना दबदबा रखना ,नितीश कुमार केवल मोहरा रहेंगे ,बैठक मल्लिकार्जुन खड़गे के कहने से शिमला में रखी गई है अन्य पार्टियों के पास चर्चा के लिए ठौर ठिकाना नहीं है,केजरीवाल को किनारे लगाने के लिये भी कांग्रेस शासित राज्य को चुना जाना एक कारण हो सकता है।
विपक्ष की सांझा बैठक शिमला में रखना कितना महत्वपूर्ण है।पहले राउंड में आमआदमी पार्टी से पीछा छुड़ाना भी कारण हो सकता है क्योंकि पटना बैठक में केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधकर और पैस कान्फ्रेंस में न रहकर सीधा संदेश दे दिया था।अब इन्तजार शिमला बैठक का रहेगा।
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