Social media- के अधिक उपयोग से कार्यकर्ताओं के साथ जीवंत सम्पर्क टूटता जा रहा है,भाजपा को इसका सीमित उपयोग करना चाहिए अन्यथा संगठन को इसका भारी नुकसान हो सकता है,भारतीय जनता पार्टी संगठन पर आधारित पार्टी मानी जाती है इसलिए संगठन के बड़े पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ती का सजीव संबंध बने रहना बहुत आवश्यक है लेकिन सजीव सम्पर्क लगभग टूटता जा रहा है अब संपर्क का सूत्र केवल वाटसैप और ग्रुप या फेसबुक ही रह गए हैं.
हम आज से 30_35 साल पहले और आज की व्यवस्धा देखते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की कार्यप्रणाली केवल सोसल नेटवर्किंग के अधीन आ गई है,जिससे पार्टी और बड़े दायित्व वाले अधिकारियों का संबंध छोटे कार्यकर्ता से टूटता जा रहा है और पार्टी और कार्यकर्ता का संबंध केवल आधुनिक सूचना तंत्र वाटसैप मेल या फेसबुक के साथ ही बनकर रह गया है,कार्यकर्ता व बड़े दायित्व वाले पदाधिकारियों का सजीव संबंध लगभग समाप्त होता जा रहा है जो संगठन पर आधारित पार्टी के लिए अच्छी बात नहीं है.यह ठीक है कि पार्टी को आधुनिक तंत्र और आधुनिक टेक्नोलॉजीज का अधिक उपयोग करना चाहिए लेकिन केवल टेक्नोलॉजीज का गुलाम नहीं बनना चाहिए. सजीव संबंध आम कार्यकर्ता के साथ बना रहना चाहिए.
गणेश दत्त.
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