उपचुनाव में कयास अभी 2तारीख तक लगेंगे,महंगाई निश्चित ही सिरचढ़ को बोली,मण्डी लोक सभा भाजपा की,पर कुछ विधायकों और बड़े नेताओं की कारगुजारी संतोषजनक नहीं रही,2022 के चुनाव के लिए कुछ मुद्दे आईओपनर का कार्य करते दिखे,मंडी की 17 सीटों का रिजल्ट 2 नवम्बर को ही घोषित हो जायेगा।कई लोगों ने संगठन की कोशिशों पर पानी फेरा,संगठन के मूलमंत्र मतदाता को पोलिंग बूथ तक ले जा पाने में भी कई नेता असफल,जीत के बाप कई लेकिन हार अनाथ होगी।
हिमाचल प्रदेश के 4उपचुनाओं के परिणाम 2 नवंबर को आ जायेंगे , सभी चुनाव क्षेत्रों का पोस्टमार्टम होगा जहां जीतेंगे वहां भी जहां हारें वहां भी ,विधायकों की कारगुजारी का भी मूल्यांकन होगा ,मंडी की 17 सीटों का तो रिजल्ट सबके सामने होगा।रिजल्ट आने के बाद तो स्पष्ट हो ही जायेगा कि चुनाव जीतने की जिम्मेदारी जिन लोगों पर थी उन्होंने कया किया?किस स्तर पर पुन: विचार करना पड़ेगा।खासकर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर कई प्रकार के आप्रेशन की आवश्यकता होगी,अभी जो लोग संगठन चला रहे हैं उनमें से अधिकांश लोग चुनाव के रणक्षेत्र में उतरने वाले हैं तो उनकी जगह किस व्यक्ति द्वारा भरी जानी है यह भी अभी से विचारणीय विषय है।संगठन के स्तर पर विस्तारक योजना चली, एक एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी मिली लेकिन कितनी सफलता मिली इसका भी आंकलन तो होगा ही।
कहते हैं जीत के कई बाप होते हैं और हार अनाथ होती है उसके लिए बहाने ढूंढे जाते हैं।
जहां तक मण्डी संसदीय सीट की बात है लगता है मण्डी संसदीय क्षेत्र सुरक्षित है,कोटखाई नावर जुब्बल भारतीय जनता पार्टी तीसरे नंबर पर है,अर्की में भाजपा मजबूत है, फतेहपुर सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई है वहां का परिणाम कुछ भी आ सकता है।
अब क्योंकि वोट पड़ चुके हैं इसलिए हमारे लिखने का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन 2नवंबर तक इंतजार तो करना ही पड़ेगा।
गणेश दत्त।
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