हिमाचल प्रदेश सचिवालय 4 माह से सूना है,फरियादी आकर देखकर निराश होकर चले जाते हैं,पहले लोक सभा व उप चुनाव में सरकार ब्यस्त थी उसके तुरंत बाद तीन उपचुनाव सिर पर आ पड़े, ये चुनाव क्यों आये पूरे चुनाव में इसी विषय पर चर्चा और चुनाव अभियान चलाए जा रहे हैं,अब निर्णय जनता को ही करना है कि यह परिस्थिति कयों आई,सरकार गलत या इस्तीफे देने वाले गलत यह जनता तय करेगी,लेकिन चुनाव के कारण सरकार का सचिवालय से अनुपस्थित रहना जनता को भारी पड़ रहा है.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय 4 माह से सूना है,फरियादी आकर देखकर निराश होकर चले जाते हैं,पहले लोक सभा व उप चुनाव में सरकार ब्यस्त थी उसके तुरंत बाद तीन उपचुनाव सिर पर आ पड़े, ये चुनाव क्यों आये पूरे चुनाव में इसी विषय पर चर्चा और चुनाव अभियान चलाए जा रहे हैं,अब निर्णय जनता को ही करना है कि यह परिस्थिति कयों आई,सरकार गलत या इस्तीफे देने वाले गलत यह जनता तय करेगी,लेकिन चुनाव के कारण सरकार का सचिवालय से अनुपस्थित रहना जनता को भारी हिमाचल का सचिवालय 4 महिने से सूना पड़ा है.लोकसभा चुनाव का लंबा आचार संहिता का समय और अब उपचुनाव की चहल-पहल से फिर सचिवालय सूना और तीन चुनाव क्षेत्रों में हलचल मची हुई है,खासकर देहरा क्षेत्र लड़ाई का अखाड़ा बना हुआ है,यहां से मुख्य मंत्री की धर्पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव मैदान में है स्वभाविक है मुख्य मंत्री की पत्नी है तो कुछ फरियादी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है.
नालागढ़ और हमीरपुर भी गर्मी के मौसम में नेताओं और कार्यकर्ताओं का पसीना बहा रहे हैं यहां से दोनों पूर्व विधायक चुनाव लड़ रहे हैं,अभी 8 जुलाई तक शोर बना रहेगा और 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 को परिणाम आयेंगे,उसके बाद ही सचिवालय में रौनक लौटेगी जब मुख्य मंत्री सहित सभी मंत्रीगण भी सचिवालय में नजर आयेंगे.
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