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हिमाचल की आर्थिक स्थिति कठिन दौर पर, छोटे से प्रदेशपर 75 हज़ार करोड़ का कर्जा चिंता का विषय ,25 पैसे कमाने के लिए एक रुपया खर्च करना पड़ रहा है प्रदेश की जनता को टैक्सों के बोझ के लिए तैयार रहना चाहिए,कर्ज लेने की सीमा भी समाप्त हो चुकी है,मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रधान मंत्री से मिलकर सहायता की मांग कर सकते हैं,एक ओर आर्थिक संकट दूसरी ओर सभी विधायकों को पद देकर जोड़े रखना बड़ी चुनौती,विकास के लिए मात्र 25 पै ही बचते हैं 75 पैसे वेतन पैंशन व देनदारियों में खर्च होते हैं,कठिन डगर है इस पनघट की।

हिमाचल प्रदेश का आर्थिक संकट दिन प्रतिदिन गहराता ही जा रहा है।सरकार इस महिने 1500 करोड़ का का कर्जा लेने जा रही है।अगले महिने फिर कर्जा लेना पड़ेगा तब जाकर वेतन  पैंशन का भुगतान किया जा सकेगा।इस समय प्रदेश सरकार पर 75 हजार करोड़ का कर्जा है।छोटे प्रदेश के लिए इतना कर्जा चिंता का विषय है।

सरकार बदलने पर कर्ज का एक दूसरे पर आरोप लगाया जाता है लेकिन कर्ज किस बात के लिये,लिया गया यह कोई नहीं बताता।इस समय जो राशि ख़र्च होती है उसमें वेतन भत्तों पैंशन व देनदारियों पर 75%बजट खर्च होता है तथा 25% राशि ही विकास के बचती है।जिस प्रकार प्रकार से खर्चे बढ़ रहे हैं संभव है सरकार को आम लोगों पर और टैक्स लगाये जा सकते हैं जिसका खुलासा मुख्य मंत्री  ने स्यवयं यह कहा है  कि कुछ कठोर निर्णय लिए जा सकते हैं जिसे लिए जनता को तैयार रहना होगा।कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि आम जनता को अधिक टैक्स सहने के लिए तैयार रहना चाहिए।

गणेश दत्त।

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