♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

हिमाचल के कर्मचारियों का उग्र रूप और राजेश धर्मानी का तड़का, इसे कहते हैं बैठे बिठाए पंगा,धर्मानी का स्टेटमैंट भी पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी का जैसा ही है पैसे पेड़ मे नहीं लगते ,धर्मानी ने कह दिया सरकार के पास नोट छापने की मशीन नहीं है.

हिमाचल प्रदेश में इन दिनों सरकार और सचिवालय कर्मचारियों में एरियर और डी ए को लेकर घमासान चल रहा है,वाकयुद्ध से लेकर सत्यता की जानकारी सांझा करने की स्पर्धा  चल रही है.कयोंकि सचिवालय का कर्मचारी सरकार का मुख्य अंग होता है,सचिवालय कर्मचारी के पास कैबिनेट से लेकर पूरी व्यवस्था की जानकारी रहती है एक प्रकार से यह वर्ग सरकार का आडिट संगठन है,उसे हर मद की जानकारी होती है.इसलिए सरकार को संयम बनाए रखने की आवश्यकता है.उन्यथा सरकार व कर्मचारियों में एक प्रकार से स्वाभिमान व संयम की लड़ाई हो सकती है.

गणेश दत्त.

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

[responsive-slider id=1811]

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Check Also
Close
Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129