तिरुपति बाला जी के प्रशादम में मिलावट की खबर से चारों ओर हड़कंप मच गया है,कुछ लोग इसे हिन्दुत्व की आस्था और विश्वास को डिगाने का षडयंत्र मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे मंदिर के कारिन्दों की पैसे की भूख बता रहे हैं ,निश्चित ही आन्ध्रप्रदेश की सरकार इस सारे प्रकरण की जांच करायेगी और सच्चाई सामने आयेगी,हांलांकि प्रशादम की जांच लैम में की गई है,इसके एक पक्ष पर भी जांच होनी चाहिए कि जो घी प्रयोग किया जा रहा है वह निश्चित ही जर्सी गाय और भैंस के दूध से निकले वाले घी के प्रयोग से भी चर्बी की मात्रा आ सकती है,साइंस के विद्वानों का कहना है कि विदेशी जर्सी नश्ल के दूध में चर्बी की मात्रा पाई जाती है तो इस पक्ष की भी जांच होनी चाहिए.
इन दिनों तिरुपति बाला जी के मंदिर में प्रशादम पर मिलावट होने का मुद्दा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है,बहुत से भारतीय मूल के लोग जो विदेशों में रहते हैं वे भी मंदिर के प्रसाद में मिलावट से खासे परेशान हैं.निश्चित ही इस सारे प्रकरण की जांच भी होगी और कुछ लोगों पर आंच भी आयेगी.
गणेश दत्त.
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