मंत्री न बनने पर हिमाचल में बहुत से विधायकों का रोष बढ़ता जा रहा है,मॉनसून सत्र के आते आते सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं,एक ओर बाढ़ वर्षा से हुए नुकसान की भरपाई करना,दूसरी ओर मुख्य संसदीय सचिवों की नियुकि पर अगस्त में होने वाली सुनवाई व आने वाले निर्णय और अपने साथी विधायकों की बढ़ती नाराजगी सुक्खू सरकार की नींद उड़ा रही है हाल ही में दो विधायकों सुधीर शर्मा और राजेन्द्र राणा की मीडिया में आयी महाभारत वाली टिप्पणी यह बता रही है कि आने वाला समय आसान नहीं होगा ,मंत्रिमंडल में 3 खाली पदों को भरने में देरी से लगातार रोष बढ़ता जा रहा है मंत्रिमण्डल में स्थान पाने वालों का भी सब्र टूटता जा रहा है ।
सितंबर में होने वाले विधान सत्र से पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों ने सरकार को आंखें दिखानी शुरू कर दी है।दो विधायकों सुधीर शर्मा व राजेन्द्र राणा ने खुलकर सोसल मीडिया में अपनी मन की भड़ास निकाली है और महाभारत का उदाहरण देकर स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में कुछ भी हो सकता है।मंत्रिमंडल विस्तार न कर पाना सुक्खू सरकार की क्या मजबूरी है यह तो वे ही बता सकते हैं लेकिन मंत्रीपद के तलबगार का उग्र होना यह बता रहा है कि हमारे बगैर सरकार चलाना आसान नहीं होगा।
विधान सभा सत्र सितंबर माह में होना निश्चित है इसलिए विधायकों ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि महाभारत भी हो सकता है।सुक्खू सरकार महाभारत रोकने के लिए क्या रास्ता अपनाती है यह समय ही बतायेगा।
गणेश दत्त।
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