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SJVNL सतलुज जलविद्युत निगम से तीन हाइड्रो प्रोजेक्ट लूहरी फेज 1-210 मेगावाट ,धौलासिद्ध 66 मेगावाट और सूनी डैम 382 मेगावाट परियोजनाओं को प्रदेश सरकार वापस लेना चाहती है, सरकार को इन परियोजनाओं को सतलुज जलविद्युत निगम से वापस लेने के बजाय, व्यवहारिक द्रटिकोण अपनाते हुए आपस में बैठकर मामले का निस्तारण करना चाहिए, इन तीन परियोजनाओं पर अभी तक सतलुज जलविद्युत निगम ने अरबों रुपए खर्च कर दिये हैं तथा कई जटिल प्रक्रियागत समस्याओं का सामना कर सतलुज जलविद्युत निगम परियोजना के निर्माण तक पहुंच सका है लेकिन प्रदेश सरकार के ऊर्जा निदेशालय ने कुछ औपचारिकतायें पूरी न करने पर तीनों परियोजनाओं को वापस लेने का निर्णय लिया है जिस पर सतलुज जलविद्युत निगम प्रबंधन न्यायालय की शरण में गया है और हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार के निर्णय पर फिलहाल रोक लगाई है.

हिमाचल सरकार व सतलुज जलविद्युत निगम के बीच तीन परियोजनाओं को लेकर चल रहा विवाद अब न्यायालय की शरण में पहुंच गया है.सरकार के ऊर्जा निदेशालय ने कुछ अग्रीमेंट न करने का आरोप लगाकर सतलुज जलविद्युत निगम से लहरी फेज 1,धौलासिद्ध, और सुनी डैम को सरकार को वापस करने के लिए कहा है

हिमाचल प्रदेश में लग रही परियोजनायें केंद्रीय सरकार व हिमाचल के संयुक्त तत्वावधान में  अपने अपने निर्धारित अग्रीमेंट के आधार पर लगाइ जा रही है जिससे हिमाचल सरकार को करोड़ों की आय हो रही है.लेकिन पिछले साल सरकार बदलने के बाद नयी सरकार कुछ नयी शर्तें लगा रही है जो शायद केन्द्र सरकार की ऊर्जा नीति के विपरीत है इसलिए यह विवाद खड़ा हुआ है.सरकार को चाहिए कि वह एक न्याय संगत निर्णय लेकर विवाद को हल करे अन्यथा ये परियोजनायें लिटिगेशन में पड़ जायेंगी जिससे दोनों पक्षों को बहुत नुकसान होगा.

गणेश दत्त.

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