हिमाचल की सुक्खू सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं,सरकार की कार्यकुशलता और उपलब्धियों का आंकलन की आवश्यक है,प्रदेश सरकार ने क्या खोया कया पाया आने वाला समय प्रदेश के लिए कैसा रहेगा ,हर हिमाचल वासी अपनी सरकार को लेकर तरह तरह के कयास लगा रहा है,सरकार दो साल का जश्न मनाने के लिए उत्साहित है लेकिन जनता की निराशा सरकार को आड़े आ रही है.सरकार व संगठन में तालमेल का अभाव और गारंटियों पर कितना काम हुआ है?
हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों और नाकामियों की चर्चा अगले 10 दिन तक जारी रहेगी,स्वभाविक है कि सभी अपने अपने अनुभव के आधार पर सरकार की कार्यकुशलता का आंकलन करेगें सरकार भी बतायेगा कि उसने क्या क्या किया है और जनता भी सरकार की नाकामियों का टिपड़ा सरकार के सामने रखेगी,और दो साल का लेखा जोखा सरकार के सामने स्वतः ही आ जायेगा.
हिमाचल की सुक्खू सरकार ने पहले दिन से ही वित्तीय संकट का रोना धोना शुरू किया जो आजतक जारी है,OPS कांग्रेस सरकार की पहली गारंटियों में से पहली सबसे महत्वपूर्ण बात रही है जिसके बल पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है,रोजगार, स्ट्रार्टत, बागवान,दूध गोबर तक की गारंटी थी,सरकार ने अपने होर्डिंग्स में पांच गारंटियों को पूरा करने के बड़े बड़े बोर्ड लगा रखे हैं आने वाले दिनों में और बड़े बड़े होर्डिंग्स लगेंगे जनता खुद देखेगी.
सुक्खू सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बेसहारा बच्चों को आश्रय देने वाली योजना निश्चित ही एक अच्छा निर्णय है,बाकी क्या क्या हुआ यह जनता खुद ही बता देगी,हम जनता के सुझाव भी सांझा करेंगे ,आप अवश्य अपने सुझाव दें.
गणेश दत्त.
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