हिमाचल सरकार का दो साल का जश्न, दो साल की विफलता पर जोर अजमाइ, यह जनता पर छोड़ देना चाहिए, एक तरफ व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल तो दूसरी तरफ विफलता का आलम ,हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार बिलासपुर में जश्न मनायेगी तो भाजपा सरकार की विफलता और वादाखिलाफी पर रोष प्रदर्शन करेगी.11 दिसंबर का दिन काफी गर्म रहेगा.OPS के बाद हिमाचल की आर्थिक हालात बद से बदतर हुई है प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर हर वर्ग परेशान है.
हिमाचल प्रदेश में सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल को लेकर पक्ष व विपक्ष में जोरदार संघर्ष चल रहा है,सरकार की पूरी मशीनरी दो साल बेमिसाल का दम्भ भर रही है तो पक्ष भारतीय जनता पार्टी सरकार की विफलता पर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने जा रही है.सरकार के कार्यकाल पर चारों ओर बहस छिड हुई है कि चुनाव से पूर्व कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए आसमान से तारे तोड़कर लाने का वादा कर जनभावनाओं को इतना जाग्रत कर दिया था कि शायद यह सरकार आज तक की सभी सरकारों से अच्छी साबित होगी लेकिन यह सरकार अब वेतन पैंशन देने पर भी तारीख दे रही है,
ऐसा लगता है कि कांग्रेस के थिंक टैंक ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के बजाय केवल जनभावनाओं को जगाया था, और जैसे तैसे सरकार बनाने के लिए सब्उबाग दिखाये थे उसका परिणाम आज निराशाजनक वातावरण में बदल गया है.यदि प्रदेश की आर्थिक स्थिति का आकलन कर लिया होता तो शायद कुछ अच्छा होता लेकिन अब तो हालात बस से बाहर हैं.11 तारीख पर मनाये जाने वाले जश्न पर प्रदेश की जनता की नजर रहेगी और जनता ही तय करेगी कि प्रदेश की सरकार कहां खड़ी है.
गणेश दत्त.
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