मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रदेश की ट्रेजरी बंद क्यों है? एक सूचना के अनुसार ट्रेजरी मे 600 करोड़ के बिल पैंन्डिंग हैं,10 हजार से अधिक के बिल पास करने में रोक लगी हुई है,मेडिकल बिल पास नहीं हो रहे हैं,अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली दवाईयां भी नहीं मिल रही हैं,दवा सप्लायर कंपनियों ने दवाईयां देने से मना कर दिया है,ट्रेजरी 3 महिने के लिए बंद करने का मतलब यह है कि पैन्डिंग सभी देनदारियों का भुगतान अगले साल के बजट से होगा,क्या कर्ज लेने की सीमा समाप्त हो चुकी है,यदि ये सभी बातें सच हैं तो वित्तीय इमरजैन्सी क्यों नहीं लगाई जा रही है.
हिमाचल में हालात वित्तीय आपातकाल जैसे हैं लेकिन घोषणा होना बाकी है.प्रदेश की ट्रेजरी 3 माह तक बंद रहेगी,केवल 10 हजार तक के बिल पास करने की अनुमति है,ठेकेदार सरकार के काम नहीं कर रहे हैं भुगतान न होने के कारण चक्क जाम की धमकी दी जा चुकी है.मेडिकल बिल और जीवन रक्षक दवाईयां भी मिलना कठिन हो गया है.
मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं वित्त मंत्री भी हैं इसलिए उन्हें आगे आकर इन सभी दुश्वारियों पर प्रदेश को अवगत कराना चाहिए कि किस कारण ये परिस्थियों उत्पन्न हुई हैं,क्या प्रदेश में अघोषित आपातकाल लग चुका है?
गणेश दत्त.
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