महाकुंभ महायज्ञ में कुछ राक्षस प्रबृति का आगमन, मौनी अमावस्या की रात की दुर्घटना ने असुरी मानसिकता वालों को भव्य दिव्य अलौकिक और अविस्मरणीय महाकुंभ में दाग लगाने का प्रयास कर रहे है,अब तक 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन चुके हैं,जहां यज्ञ होते हैं वहां विघ्न डालने के लिए राक्षसों का आगमन अवश्य होता है,कुंभ में कुछ लाल मीडिया कुछ धर्म विरोधी यज्ञ में दुष्प्रचार का जहर घोल रहे हैं लेकिन यज्ञ निर्विवाद चल रहा है,सबसे आश्चर्यजनक विवाद में स्वयंभू शंकराचार्य पड़ रहे हैं उससे मन व्यथित हो रहा है.
महाकुंभ में अभी तक 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालू डुबकी लगा चुके हैं,महाकुंभ एक महायज्ञ है ,असुरी प्रबृति का कहीं कहीं पर प्रदर्शन देखने को मिल रहा है,यह असुरों के अपने स्वभाव का ही असर है.
सबसे बड़ा दुर्भाग्य स्वयंभू शंकराचार्य का विवादित बयान है जिसमें उन्होंने योगी आदित्य नाथ जी से इस्तीफा देने की बात की है.पता चला है कि इन शंकराचार्य को अखिलेश यादव ने पीट-पीटकर मुर्गा बनाकर भेजा था,आज वही शंकराचार्य आज अखिलेश की गोद में बैठकर हिन्दुत्व व कारसेवकों का अपमान कर रहे हैं.
सोमवती अमावस्या की रात की घटित घटना को लेकर कुछ असुरी लोग भगदड़ में हुई श्रद्घलुओं की मृत्यु को अनावश्यक तूल दे रहें,भगदड में हुई श्रद्धालुओं की मृतु पर सारा देश स्तब्ध है,उसमें कुछ लोग राजनीति ढूढ़ कर सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं जो उचित नहीं है.
गणेश दत्त.
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