हिमाचल विधान सभा का सत्र कई माइने में महत्वपूर्ण रहा है,इस बार पक्ष विपक्ष में उतनी तल्खी नहीं थी जितनी पिछले सत्रों में देखी गई थी,कारण साफ है कि कांग्रेस को इस बात का अहसास हो गया है कि भविष्य हमारा नहीं है,भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि जब भी चुनाव होंगे सत्ता हमारी है,बजट सत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि सरकार नशे के कारोबार में लगे लोग और नशे के सौदागर संगठित अपराध की सूचि में आयेंगे दोषियों को मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा होगी,दूसरी महत्वपूर्ण बात यह रही कि वित्तीय संकट के दौर में विधायकों मंत्रियों अध्यक्ष विधान सभा उपाध्यक्ष विधान सभा के वेतन भत्तों में 26% की बृद्धि की गई है महंगाई के इस दौर में माननीयों ने वेतन भत्ते बढोतरी को सिर झुकाकर पास किया.इसके अलावा प्रदेश सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का जोरदार प्रदर्शन व जनता का समर्थन भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आया है.
हिमाचल विधान सभा के बजट सत्र आज समापन हो गया.बजट सत्र हंगामेदार के साथ साथ पक्ष विपक्ष में सौहार्द का का ध्योतक भी रहा है,इस बार के सत्र में उतनी तल्खी नहीं थी जितनी पहले देखी गई थी.
इस सत्र में सरकार की ओर से नशे के खिलाफ जो बिल लाया गया है उसकी प्रशंशा हुई है,आज समाज नशे के व्यापक प्रभाव से बहुत परेशान है इसलिए नशे के कारोबार में लगे लोगों को मृत्युदंड व आजीवन कारावास की सजा के दायरे में लाया गया है.
आर्थिक संकट के इस दौर में विधान सभा में मुख्य मंत्री उपमुख्य मंत्रिमंडल, विधायको के वेतन भत्त बढाये गये हैं,इसका विरोध अवश्य हुआ है लेकिन महंगाई का असर तो सभी के ऊपर हुआ है इसलिए माननीयों ने वेतन भत्तों को बढाने के बिल को सिर झुकाकर स्वीकार किया.
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