कांग्रेस का अहमदाबाद अधिवेशन क्या गुल खिलायेगा?राहुल गांधी की कांग्रेसियों को खरी खरी,एक प्रकार से गाली देकर दिल्ली लोटे,लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को अपनी बताने कर यह बताने का प्रयास किया कि सरदार पटेल को भाजपा वालों ने अपना लिया है,कांग्रेस के नेताओं को भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया,हम दलित, ओ बी सी और पिछड़ो से कट गये है कहकर अपने कमी को सार्वजनिक कर दिया,जाति जनगणना का राग अहमदाबाद अधिवेशन में अलापा गया,गुजरात के अहमदाबाद में अधिवेशन के मायनें क्या हैं,?क्या कांग्रेस का चेहरा बदलेगा जो लोगों को स्वीकार्य हो?
कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन गुजरात के अहमदाबाद में संपन्न हो गया,राहुल गांधी का RSS को कोसने और अपने कांग्रेसियों को गाली देने के अलावा कुछ नहीं था,यह सच बोला कि सारा समाज कांग्रेस से कट गया है,यह भी कहा कि 2_3 महिने की तैयारी से चुनाव नहीं जीते जा सकते हम हर समय तैयार रहने लाली रणनीति अपनानी पड़ेगी, राहुल गांधी ने जाति गणना पर जोर देकर कहा कि हमें जाति गणना अवश्य करनी है,शायद राहुल गांधी महाकुंभ में आये सभी जातियों की गणना याद नहीं आयी.
अंत में यह जरूर स्वीकार किया कि कांग्रेस आम समाज से कट गई गयी है,हमें उनको साथ लाना चाहिए, राहुल गांधी का एक वाक्य समझ नहीं आया जो उसने मुश्लिम क्या कहते हैं उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए, इसका अर्थ शायद यह धा कि वक्फ संशोधन बिल पर कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं बोला और वक्फ बिल पास कराने में कांग्रेस की मौन स्वीकृत योजना थी,हालांकि बिल पर कांग्रेस ने बिल का विरोध किया है,कुछ मिलाकर कांग्रेस का अहमदाबाद अधिवेशन वही ढाक के तीन पात ही साबित हुआ है.
गणेश दत्त.
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