हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य प्रदेशों में उपचुनाव के फिलहाल टलने से ,हिमाचल में गहमा गहमी में,शिथिलता आयी।यदि कोविड के मामलों में कमी आई तो चुनाव नवम्बर के अंत में संभव,पार्टियों का ऐजैन्डा तैयार हो रहा है,कर्मचारी राजनीति भी सक्रिय हो रही है,जो लोग चुपके से अपना उल्लू साध रहे थे अब मुखर होने लगे हैं,अभी तक हिमाचल सरकार के खिलाफ कोई खास मुद्दा हावी नहीं हुआ, लेकिन अफसरशाही पर लगाम लगाना शेष, पार्टी कैडर को एक साथ चलाना अति आवश्यक।
हिमाचल प्रदेश में उप चुनाव के टलने से पार्टी की गतिविधियों में थोड़ा-बहुत शिथिलता अवश्य आई है,लेकिन पार्टी के लगातार संगठन कार्यक्रम आयोजित होने से कैडर में सक्रियता जरूर बनी हुई है।अगले साल को चुनाव वर्ष के रूप में ही देखा जाना चाहिए, प्रदेश की राजधानी के नगर निगम के चुनाव मई महिने में 2022 में संपन्न हो जायेंगे।उसके बाद नवम्बर के आखिर में विधान सभा के चुनाव होंगे।कुल मिलाकर अगला वर्ष चुनावी वर्ष ही होगा।
परमपरा के अनुसार चुनाव से एक वर्ष पूर्व विरोधी पार्टियां व कर्मचारी संगठन भी अपने उस्तरे तेज करने में लग जाते हैं।पार्टियों में भी जो लोग एक डाल से दूसरी डाल में जाने वाले होते हैं वे लोग भी अपने नये घर की तलाश में लग जाते हैं।और विरोध के स्वर गूंजने लगते हैं।
यद्पि हिमाचल सरकार के विरुद्ध कोई खास मुद्दा विरोध करने के लिए उपलब्ध नहीं है, जिसे ढाल बनाकर ईस्तेमाल किया जा सके।लेकिन एक बात जरूर है कि अफसरशाही अपना रंग दिखाने में पीछे नहीं रहती ,यदा कदा पार्टी के लोगों के मुंह से भी सुनाई देता है कि अफसर हमारी नहीं सुनते।इस पर लगाम लगाने की आवश्यकता जरूर है।
मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर स्वभाव से सरल सभ्य व मुलायम हैं जनता कभी भी कहीं भी उनसे मिल सकती है बात कर सकती है।यह पार्टी के व सरकार के लिए एक पूंजी है।
चुनावी वर्ष में कैडर को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होती है,हर कार्यकर्ता की अपनी महत्वकांशा होती है,कई अपनी अनदेखी से चुप बैठे होते हैं लेकिन चुनाव के समय अपना रूप दिखाने से परहेज नहीं करते ,इसलिए संगठन को कड़ाई से मर्यादाओं का पालन करवाना पठ़ता है।एक समय विचार धारा व समर्पण की लक्ष्मण रेखा होती थी ,जब से सभी को गले लगाने का कार्यक्रम शुरु हुआ, वे सभी मर्यादायें भी टूट गई जिसके लिए विचार धारा व लक्ष साध कर चला जाता था।निश्चित ही आने वाला समय कार्यकर्ता व पार्टी के नेतृत्व की परीक्षा का समय रहेगा इस में दोनों को खरा उतरना होगा।
गणेश दत्त।
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