जाति-धर्म गणना क्या-कुछ लायेगी सब लोग अच्म्भित होंगे?समय परिवर्तन शील है,जाति गणना की घोषणा के बाद आम जनता मोदी सरकार पर त॔ज कस रही है और सरकार के यू-टर्न पर तरह-तरह के कमेंट पास कर रही है ,यह स्वाभाविक भी है और आज की जरूरत भी है,भाजपा ने शुरू से जातिगत आधार पर गणना कराने का विरोध किया था,समय परिवर्तन शील है एक समय सारा देश कम्प्यूटर का विरोध करता था,तर्क यह था कि कम्प्यूटर के आने से बेरोजगारी बहुत बढ़ जायेगी लेकिन आज सारा देश कम्प्यूटर युक्त हो गया है,कम्प्यूटर से रोजगार के अवसर भी बढें हैं ,जातिगत आधार पर गणना अब देश के लिए अब नया कुछ लेकर आयेगी,जाति गणना केवल हिन्दू समाज की ही नहीं मुश्लिमों की जाति की भी गणना होगी।
भारत सरकार ने अभी हाल में देश में जातिगत आधार पर जन गणना कराने के लिए कैबिनेट से एक प्रस्ताव पारित किया है इसको लेकर बहुत हो हल्ला मचा हुआ है,भाजपा सरकार पर अवसर वादी होने का आरोप लग रहा है,यह स्वाभाविक भी था क्योंकि भाजपा जातिगत जनगणना के विरोध में रही है।
आज देश मे कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो रही हैं,पहलगाम घटना के बाद देश में कई चुनौतियां सरकार के समक्ष खड़ी हुई हैं एक रिपोर्ट के अनुसार अभी देश में 83 हजार महिलाओं ने पाकिस्तान में शादी की है लेकिन उनके बच्चे भारत में पैदा हो रहे हैं और भारत के नागरिक बन रहे हैं वे किस जाति के हैं इसका पता चलना शेष है।
जातिगत गणना केवल हिन्दुओं की ही नहीं मुश्लिम की भी होगी बताया जाता है कि मुस्लिमों में भी 40 से अधिक जातियां हैं उस में भी अधिकतर पिछड़ेपन का शिकार हैं ,उनकी भी जनगणना होगी। सरकार ने आम जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराने का एक मास्टर स्टोक लगाया है जिस से देश की सही तस्वीर सामने आयेगी,और कांग्रेस और इन्डीगठबंधन के हथियार से उसी पर वार करेगी।
जातिगत गणना से अभी तक सरकारी सुविधाओं से वंचित रह गए समाज को भी लाभ मिलेगा।निश्चित ही जातिगत जनगणना का निर्णय समाज में समानता लाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा और मोदी सरकार का यह निर्णय मास्टर ब्लास्टर साबित होगा।
गणेश दत्त।
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