सोच में कितना फर्क है ,शशि थरूर को विदेश भेजे जाने डेलिगेशन का प्रमुख बनाने जाने पर कांग्रेस का विरोध, नरसिंह्हमा राव ने जब विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई जी को भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश भेजा गया था तो भारतीय जनता पार्टी ने तत्कालीन सरकार का धन्यवाद किया था ,कांग्रेस की सोच को क्या हो गया है कांग्रेस को लगता है कि शशि थरूर अब शायद उनके हाथ से निकल गए।शशि थरूर ने कहा है कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के आतंकवाद पोषक होने व उसके द्वारा चलाए जा रहे आतंकवादियों के संरक्षण को लेकर सारे विश्व में सभी पार्टियों के सांसदों का 21 सदस्यीय दल विदेशों में भेजे जाने का निर्णय लिया है,सरकार ने कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर को एक दल का नेता बनाये जाने पर कांग्रेस को आपत्ति है,कांग्रेस का डर यह है कि शशि थरूर हाथ से न निकल जाय।कांग्रेस का कहना है कि हमने कुछ और नाम दिए थे लेकिन शशि थरूर का नाम सरकार ने अपनी मर्जी से डाला है।
सोच सोच में कितना फर्क है,एक समय भारत के प्रधान मंत्री नरसिम्हा राव ने विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई को भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश भेजा था तो भारतीय जनता पार्टी ने सरकार का धन्यवाद किया था लेकिन कांग्रेस पार्टी शशि थरूर को डेलिगेशन का प्रमुख बनाये जाने पर उसका विरोध कर रही है,सोच सोच का फर्क है।
गणेश दत्त।
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