Breaking News ___ हिमाचल प्रदेश पहाड़ी प्रदेशों में कर्जदारों में नंबर वन, दूसरे नंबर पर उत्तराखंड और तीसरे नंबर पर त्रिपुरा,हिमाचल शीघ्र ही 1 लाख करोड़ का कर्जदार बनने जा रहा है,कर्ज की सीमा का अंत कहां है अभी तक इस पर चिंता हो रही है लेकिन कर्ज लेने का सिलसिला कहां रूकेगा इसका भी पता नहीं है,हिमाचल एक ऐसा राज्य बन गया है जो 20 पै कमाने के लिए 1 रूपया ख़र्च कर रहा है हालात बहुत बहुत नाजुक हैं सरकार को कुछ क्षेत्रों में आर्थिक आपातकाल लगाना पड़ेगा,लेकिन इस ओर सरकार का अभी तक ध्यान नहीं गया है,चारवाक के सिद्धांत पर चल रही है सरकार.
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन चिंताजनक होती जा रही है,इस समय प्रदेश लगभग 95 हजार करोड़ के कर्ज में डूब चुका है,बहुत जल्दी यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ तक पहुंचने जा रहा है,सरकार के अधिकारी इसकी चिंता तो कर रहे होंगे लेकिन कोई हल निकाल कर लाना अभी तक संभव नहीं हो पाया है.
सरकार के कर्मचारियों की एरियर व महंगाई भत्ते की किस्त काफी समय से ड्यू है है लेकिन साधन ठनठन गोपाल हैं,यदि भाजपा की सरकार होती तब भी स्थिति तो यही होती लेकिन केन्द्र से कुछ राहत जरूर मिलती.कांग्रेस सरकार ने अपने खर्चे इतने बढ़ा दिये हैं कि उन पर काबू पाना कठिन हो गया है,हिमाचल प्रदेश सरकार को कुछ श्रेत्रों में आर्थिक आपातकाल लगाने की आवश्यकता होगी ,सरकार को तय करना होगा कि किस क्षेत्र में यह कट लगाया जाए जिससे हाय-तबा भी न हो और सरकार की इज्जत भी बची रहे,निश्चित ही सरकार उपचुनाव के बाद इस ओर देखेगी और उसका हल निकाल कर हालात पर काबू पाने का प्रयास करेगी.
गणेश दत्त.
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