विधान सभा चुनाव में विजय के बाद नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए कांग्रेस सरकार की तैयारी,प्रदेश चुनाव आयोग ने प्रशासन से विवादित वार्डों की मतदाता सूचि बनाने के दिये आदेश,नाभा फागली व समरहिल वार्ड में, वार्ड सीमांकन को लेकर पिदले 6 महिने से मामला हाईकोर्ट के पास लम्बित था ,अब समय अनुकूलन देख कांग्रेस ने जल्द चुनाव कराने का मन बनाया है , भाजपा कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई।
हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता के बाद अब शिमला नगर निगम के चुनाव के लिए कांग्रेस सरकार ने कमर कसनी शुरू कर दी है।प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा स्थानीय प्रशासन से विवादित वार्डों की मतदाता सूचियां तैयार करने को कहा है।प्रदेश की सुक्खू सरकार लगे हाथ नगर निगम में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए आतुर है।
यद्यपि नई सरकार की छवि कोई खास नहीं बन पाई कि वह उसके दम पर नगर निगम में कब्जा कर सके लेकिन नयी सरकार के आते ही विजय रथ को आगे बढ़ाने का मनसूबा कांग्रेस ने अवश्य पाल रखा है।शिमला नगर निगम में 41 वार्डों के चुनाव होने हैं कांग्रेस के लिए सुखद स्थिति यह है कि शिमला शहरी शिमला ग्रामीण व कुसुमपटी तीनों विधान सभा क्षेत्रों से कांग्रेस के विधायक चुनाव कर आये हैं और नयी नवेली सरकार भी सत्ता में आई है।यद्यपि कांग्रेस के कथनानुसार उनके किये गये वायदे अभी हवा में तैर रहे हैं लेकिन अभी समय बहुत अधिक है इसलिए इतनी जल्दी सरकार को कोसने के लिए उनके वायदे तो हथियार बनाये जा सकते हैं लेकिन थोड़ा समय मांगना कांग्रेस का ऐजैन्डा हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी नगर निगम क्षेत्र की तीनों सीटें हार चुकी है।हालांकि विधान सभा व नगर निगम के मुद्दे अलग अलग होते हैं उम्मीदवार की छवि उसकी सक्रियता मैटर करती है और पूर्व में किये गए कार्य भी जीत हार का कारण बनते हैं
- जिस प्रकार से कांग्रेस ने आते ही पूर्व में भाजपा सरकार के खोले गये संस्थानों को बंद करने का धड़ाधड़ काम शुरू किया है उससे कांग्रेस की सरकार जरूर बैकफुट आ गई है।देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व हार से उबरने के बाद किस प्रकार से नगर निगम में अपने को कैसे स्थापित करेगा यह आने वाला समय ही बतायेगा।
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