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अग्निपथ पर बबाल ऐसा है ‘जैसे सरकार जवानों को जबरदस्ती अग्निपथ पर धकेल रही हो?सेना में जब 100 सैनिकों की भर्ती आयोजित होती है तो 10 हज़ार से अधिक जवान हिस्सा लेते हैं?सलैक्ट केवल 100 ही होते हैं तो बाकी बचे हुए जवान साड़ फूंक नहीं करते और वे चुप चाप घर वापस लौट जाते हैं और अगली तैयारी में जुट जाते हैं?अग्निपथ योजना ऐच्छिक है?यह अनिवार्य नहीं है कुछ प्रदेशों में युवा उत्तेजित कयों हैं उनको लगता है कि उनके सेवा का कार्यकाल घटा दिया गया है यह कहां गारंटी है कि वे सभी युवक जो तोडफ़ोड़ आगजनी अराजकता फैला रहे हें वे सभी सलैक्ट हो जायेंगे?यह एक षडयंत्र हो रहा है जो देश की संपति जलाई जा रही है इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

आजकल देश के कुछ हिस्सों में कुत्ते युवक अग्निपथ योजना को लेकर चिंतित हैं आन्दोलित हैं उसके पीछे का कारण राजनैतिक द्वेष अधिक है और तर्क कम है?हमारे देश ने अभी तक इस्राइल वाली नीति नहीं अपनाई कि हर युवक को 2/3 साल सेना में जाकर ट्रेनिंग अवश्य लेनी है?भारत सरकार ने जो अग्निपथ योजना लाई है यह देश के युवाओं में राष्ट्र भक्ति का भाव भरने और थोड़े समय में सेवा करने के बाद घरवाल पर अपना व्यवसाय कर आत्मनिर्भर होने का एक माध्यम है ।

अभी तक का जो आन्दोलन चला है उससे तो ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भारत सरकार जबरदस्ती अग्निपथ पर धकेल रही है ऐसा तर्क दिया जा रहा है मानो जितने युवा आन्दोलित हैं वे सभी अग्निपथ में भर्ती हो जायेंगे एक अनुभव के अनुसार 100 सैनिकों की भर्ती के लिए 10 हजार तक युवा भाग लेते हैं ?लेकिन असफल रहे युवाओं ने कभी साड़ फूंक-तोड़ फोड़ नहीं की जो युवा भर्ती नहीं होते वे सीधे भविष्य की तैयारी करते हैं

अग्निपथ योजना की घोषणा के साथ ही जिस प्रकार कई प्रदेशों में अराजक माहौल खडा किया गया है यह एक षडयंत्र का हिस्सा माना जा सकता है जिसमें अरबों की संपत्ति आग की भेंट चढ़ गयी है देश के युवकों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि यह संपत्ति सरकार की नहीं उनकी ही है उन्हैं इस बात का अहसास होना चाहिए कि संपत्ति फूंक कर समस्या का हल नहीं होगा।

सरकार ने यह योजना थोड़े समय में अधिक से अधिक युवाओं को रोज़गार देने के लिए तथा थोड़े समय में अपने पैरों में खड़ा होने के लिए तथा 4 साल में ही 12 लाख रुपए की राशि लेकर घर जानकर अपने पाओं में खड़ा होने के लिए एक अनूठी योजना है।युवाओं को लग रहा होगा कि हमें जीवन भर पैंशन नहीं मिलेगी लम्बे समय तक सेवा में नहीं रह पायेंगे?  एक और शंका यह है कि विपक्ष के संरक्षण में इस योजना की भ्रूण हत्या कर दी जाय ताकि सरकार को लाभ भी न हो और सरकार की फजीहत भी हो।

देश  के युवकों को तहस में आकर ऐसा नहीं उठाना चाहिए जिससे सरकार की सम्पत्ति को नुकसान हो और हमारा देश  कमजोर हो?उन्हैं सरकार से मिलकर शंका का समाधान करना चाहिए।

गणेश दत्त।

 

 

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