सुक्खू सरकार का “ड्रग्स माफिया” के खिलाफ सलाहकार बोर्ड बनाने का निर्णय एक अच्छी सोच,यह सलाहकार बोर्ड दातों वाला हो ,केवल औपचारिकता पूर्ण करने वाला न हो,इस कार्य में समाज की भागीदारी अवश्य हो केवल मीटिंग कर अगली मीटिंग की तारीख तक सीमित न हो,हम भी इस आन्दोलन में शामिल होना चाहेंगे,चिंता का विषय है कि हिमाचल देश के नशाखोरों के नंबर 2 पर आ चुका है,पिछले दिनों नशानिवारण केंद्र से वापस आने के बाद अपने ही पिता की हत्या करना व दादी को बुरी तरह घायल करना एक न्रिशंश उदाहरण है,सरकार को चाहिए कि कुछ फिजूल खर्चियों को बंद कर नशा निवारण पर खर्च करने हेतु बजट निर्धारित हो।
हिमाचल में नशानिवारण कें लिये एक सलाहकार बोर्ड का गठन करने का सुक्खू सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है।सरकार को नशा के खिलाफ एक जनान्दोलन खड़ा करना चाहिए जिसमें समाज की भी भागीदारी हो। केवल औपचारिक बोर्ड न होकर एक क्रियाशील बोर्ड बने।सरकार को इस बोर्ड के संचालन के लिए अलग से बजट का प्रावधान करना चाहिए।
गणेश दत्त।
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