गुरुओं की शिक्षा व संस्कार विदेशों में भी ज़िन्दा हैं,आस्ट्रेलिया के सिडनी में आज हमें एक स्थान पर “गुरुरामदास लंगर” संस्था का हर मंगलवार लगने वाले लंगर वाला बैनर लगा मिला इस स्थान को देखकर बहुत अच्छा लगा,गुरुओं की शिक्षा में “नाम जप -कृष कर बंड खा” ,याने एक प्रभु का नाम लेना,मेहनत करना और बांटकर खाना हमारे गुरुओं की शिक्षा है,हमारे देश के सिख बंधुओं ने विदेश में गुरुओं की शिक्षा को अभी भी जिन्दा रखा है।सिडनी के हैरिस पार्क में हर मंगलवार को गुरु का लंगर लगता है जिसका आनंद हमारे देश के लोग तो लेते ही हैं विदेशी भी लंगर का आनंद लेते हैं यह शायद हमारे गुरुओं की शिक्षा है जिसे हमने अंगीकार किया है।
आज दिन के समय घूमते घूमते हम सिडनी के हैरिस पार्क में पहुंचे जहां गुरु रामदास लंगर नाम से एक बैनर लगा था हमने इस बारे में पूछा तो वहां पर लोगों ने बताया कि हम लोग हर मंगलवार को साम के समय यहां लंगर लगाते हैं जिसमें सैकड़ों लोग लंगर का आनंद लेते हैं।यह हमारे गुरुओं के दिये गए संस्कार ही हैं जिसमें हमारे गुरुओं ने कहा है -नाम जप-कृष कर बंड खा ,इस गुरुमंत्र को हमारे लोगों ने साकार किया है जो बहुत ही अच्छी बात है।
गणेश दत्त।
आस्ट्रेलिया सिडनी।
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