“विविधता में एकता” हर देश वासी एक दिखता,आज कहीं लोहड़ी की धूम तो राराजस्था में ऊंट उत्सव ,उत्तराखंड में मकर संक्रान्ति और उत्तरायणी का कोथिक ,कितनी महान है हमारे पूर्वजों की विरासत, हमें कुछ याद कराते हैं ये पर्व कुछ भुलाते जा रहे हैं हम, लेकिन हमारे त्यौहार, पर्व उत्सव हमें याद कराती हैं हमें अपनी प्राचीन संस्कृति और विरासत जो ॠतु के अनुसार मानव को अपने साथ जोड़कर रखती है.पश्चिमी चकाचौंध हमें दूर करती जा रही है हमारी विरासत से हमें सोचना चाहिए.
हमारे त्यौहार तीज पर्व उत्सव हमारे समाज को एक माला में जोड़कर रखते हैं,ॠतु मौसम के अनुसार हमारे पूर्वजों ने तीज त्योहारों का बर्गीकरण किया हुआ है,कितनी महान है हमारी विरासत, हमें गर्व होना चाहिए जहां 12 महिने कोई न कोई त्योहार आते रहते हैं जो पूरे समाज को एक माला में पिरोकर रखते हैं.
हम आज का ही उदाहरण देते हैं उत्तर भारत में आज लोहड़ी का पर्व, राजस्थान में ऊंट उत्सव, उत्तराखंड में मकर संक्रान्ति उत्तरायणी कोथिक का पर्व कल मनाया जायेगा.उसके बाद बसंत पंचमी से शुरू होकर हर महिने हर समाज का अपना महत्व रखने वाला त्योहार आता ही रहता है,हम ॠणि हैं हमारे पूर्वजों के जिन्होंने हमें साथ जोड़कर रखा है.
आप सब को लोहड़ी पर्व की हार्दिक बधाई.
गणेश दत्त.
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