♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

हिमाचल चुनाव में अपने ही अपनों की नैया डुबो रहे हैं,अपनों को संतुष्ट कर काम पर लगाने वाली अथॉरिटी अब नहीं है ,गुटबाजी और मैं का अहम भाजपा के लिए कांटे पैदा कर रहा है,भाजपा के नेतृत्व की कमी नहीं है लेकिन सभी नेता हैं कार्यकर्ता के साथ नेतृत्व का सेतु लगभग टूट गया है ,भारतीय जनता पार्टी हिमाचल में लगातार हार का मुंह देख रही है पर उसका निदान नहीं कर पा रही है.2022 का विधान सभा चुनाव हो या अभी हाल के उपचुनाव हों पार्टी को इसपर चिंतन करना चाहिए,

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ समय का इतिहास देखें तो भाजपा के कार्यकर्ता अपनों की नाव खुद ही डुबा रहे हैं

2022 के विधान सभा चुनाव में अधिकतर सीटों पर हार्  का कारण अपने ही कार्यकर्ता रहे हैं.केवल 1% वोट कम मिला लेकिन पार्टी  सत्ता से बहुत दूर चली  गयी..राज्य सभा चुनाव के समय सत्ता में आने का एक अटैम्पट हुआ लेकिन वह धराशायी हो गया.

अभी हाल ही में संपन्न उपचुनाव में अपने लोगों ने ही अपनों की लुटाया डुबो दी,चाहे देहरा की बात हो या नालागढ की बात हो दोनों जगह अपने लोगों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ खुलकर काम किया व विरोधी दल के साथ जा खड़े हो गये परिणाम स्वरूप चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. अब पार्टी उसकी समीक्षा करेगी,कुछ लोग पकड़े भी जायेंगे लेकिन वे अपने गॉडफादर के सहारे बच जायेंगे और अगली बार उनका हौसला और बढढ़ जायेगा ,पार्टी में सख्त कार्रवाई कर ऐक्शन लेने की क्षमता किसी में नहीं है इसलिए पार्टी के खिलाफ कार्य करने वालों के हौंसले बाढ़ रहे हैं.

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

[responsive-slider id=1811]

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Check Also
Close
Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129