कांग्रेस दिल्ली का चुनाव टूटे मन से लड़ रही है, दिल्ली चुनाव में योगी आदित्य नाथ की प्रस्तावित रैलियों ने आम-आदमी पार्टी और कांग्रेस की नींद हराम कर दी है,बंटो गे तो कटोगे की गूंज फिर सुनाई देगी ,नाव लड़ने वालों में कोई उत्साह नहीं है,कांग्रेस चाहती तो है केजरीवाल से छुटकारा मिल जाय लेकिन जीतने की जिद पैदा नहीं कर पा रही है,केवल संदीप दीक्षित जीतने की उम्मीद में लड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस का पूरा सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है,इस बार भारतीय जनता पार्टी आर पार की लड़ाई लड़ रही है ,केजरीवाल की छटपटाहट उसकी पार्टी की हार का संकेत दे रही है,विपरीत हालात के बावजूद कांग्रेस इस बार खाता अवश्य खोलेगी ऐसी उम्मीद की जा रही है.
दिल्ली विधान सभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी आक्रमण के मूड में दिखाई दे रही है,केजरीवाल की चारों ओर से घेराबंदी कर दी गई है.
सबसे दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ की ताबड़तोड़ प्रस्तावित रैलियों से आमआदमी पार्टी और कांग्रेस सकते में आ गई हैं,बंटोगे तो कटोगे वाली हुंकार दिल्ली की हवा पूरी तरह बदल देगी,आमआदमी पार्टी और कांग्रेस आरोप लगा चुकी हैं कि भाजपा दिल्ली चुनाव को साम्प्रदायिक रंग देना चाहती है उनका यह बयान उनकी कमज़ोरी को दिखाती है.
इस बार यदि कांग्रेस पार्टी 12% से अधिक वोट हासिल करे तो कांग्रेस की 4_5 सीटें भी आ सकती हैं और केजरीवाल की विदाई भी सुनिश्चित हो सकती है.कांग्रेस और भाजपा को अगले 10 दिनों में निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी.सभी लोग चाहते हैं कि केजरीवाल की थोथी बयान बाजी बंद हो और केन्द्र की मोदी सरकार की सहयोगी सरकार दिल्ली में बने तो राष्ट्रीय राजधानी की किस्मत बदल जायेगी.
गणेश दत्त.
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