मण्डी लोक सभा उपचुनाव, समीकरण 1998 के कुड़ुम – कुड़मनी के बीच के चुनाव की ओर जा रहे हैं,कोटखाई से चेतन बरागटा का नाम लगभग तय,पार्टी अर्की उपचुनाव में रतन सिंह पाल पर खेले सकती है दांव,फतेहपुर उपचुनाव में प्रत्याशी पर असमंजस, प्रदेश बाल को हाईकमान के कोर्ट में डालकर दिल्ली से मुहर लगवायेगा नामों पर,आज की बैठक में स्थिति कुछ हद तक साफ हो जायेगी।
हिमाचल प्रदेश के 4 उपचुनाव भाजपा व विपक्षी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गये हैं दोनों दलों के उम्मीदवार ढूंढने की कसरत लगभग पूरी हो चुकी है,नामों की घोषणा एक दो दिनों में होने की संभावना है।भाजपा आज की बैठक जो घर्मशाला में हो रही है,नामों की छंटनी कर नामों पर पार्लियामेंट्री बोर्ड की मुहर लगाने के लिए दिल्ली भेजेगी।
मंडी संसदीय क्षेत्र से इस बार भी 1998 वाली स्थिति बनने की संभावना है,जब कुड़ुम- कुड॔मनी में संघर्ष होने की संभावना बनती जा रही है,यद्यपि मंडी लोक सभा सीट से दो मंत्रियों के नाम भी लिए जा रहे है,उनके साथ ही सेना से सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर कुशल सिंह, अजय राणा,प्रवीण शर्मा तथा फिल्म अभिनेत्री कंगना राहत का नाम भी सामने आ रहा है,लेकिन कांग्रेस की प्रत्याशी श्रीमती प्रतिभा सिंह के खड़े होने की स्थिति में महेश्वर सिंह ही मुकाबले के लिए बड़ा नाम माना जा रहा है,कयों कि महेश्वर सिंह इस क्षेत्र से जीते भी हैं और परिचित भी हैं।
जहां तक कोटखाई विधान सभा क्षेत्र की बात है यहां से पार्टी ने स्व नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा का नाम लगभग फाइनल कर दिया है,यहां से पार्टी की नेत्री नीलम सरैक भी चुनाव मैदान में उतरने की इच्छुक है,शायद वह पार्टी के आग्रह पर चुनाव से हट सकती हैं।
अर्की विधान सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रत्याशी रत्न सिंह पाल को लड़ाने का मन बना रखा है जो पिछली बार कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह से मात्र 5-6 हजार वोटों से हारे हैं,दूसरी तरफ पार्टी के पूर्व विधायक गोबिंराम शर्मा ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर पार्टी की चिंता बढ़ा दी है।यहां जाति आधारित समीकरण बनाने का प्रयास चल रहा है जो दोनों पार्टियों के लिए ठीक नहीं है।
फतेहपुर विधान सभा की स्थिति भी अभी साफ नजर नहीं आ रही है पार्टी पिछली बार रहे प्रत्याशी कृपाल परमार को टिकट देने की सोच रही है लेकिन वहां से बलदेव ठाकुर भी एक शशक्त उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी जता रहे हैं यहां से ही पूर्व में पार्टी के विधायक व सांसद रहे डा राजन सुशांत भाजपा का गणित बिगाड़ने की स्थिति में हैं अब पार्टी इसपर क्या निर्णय लेती है यह समय बतायेगा।
कुल मिलाकर अभी तक अनिश्चित स्थिति बनी हुई है।
आने वाले 3 दिन के बाद यह स्पष्ट हो जायेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
गणेश दत्त।
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