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हिमाचल के उपचुनाव में पार्टियों की उम्मीदवारों की खोजबीन शुरू,भाजपा विकास के मुद्दे पर तो कांग्रेस सत्ता विरोधी हवा बनाने के फिराक में,,भाजपा ने पैनल बनाकर हाईकमान के पाले में डाला दिये हैं निर्णय हाईकमान को करना है,,अंदरखाने सम्भावित उम्मीददवारों की तैयारी,मुहूर्त भी निकाल लिये गए हैं,लोक सभा उपचुनाव के लिए समय बहुत कम 24 दिन में 17 विधान सभा क्षेत्र नापना बहुत कठिन, कांग्रेस ने अर्की को छोड़कर कर सभी जगह प्रत्याशी तय किये।आंतरिक खतरा दोनों ओर बरकरार।

हिमाचल प्रदेश में 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है।सत्तारूढ पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने सशक्त उम्मीदवारों को लेकर काफी माथा पच्ची के बाद सभी क्षेत्रों का पैनल हाईकमान को दिल्ली भेज दिया है।

लोक सभा चुनाव में प्रचार प्रसार में समय बहुत कम, 24 दिन में 17 विधान सभा क्षेत्र कवर करना बहुत मुश्किल है।

इस समय प्रदेश सरकार की व मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर की लोकप्रियता की नाव में सवार होकर हर कोई अपनी जीत की बैतर्णी पार करना चाहता है।सभी को पता है कि प्रधान मंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी की सरकार की जनकल्याण योजनाओं हिमाचल के मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर की स्वच्छ छवि व शालीन व्यवहार प्रदेश के सभी चुनावों में पार्टी की नैया पार लगा सकता है ,इसलिए पार्टी के बहुत से कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है।

एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि हिमाचल प्रदेश से ही पार्टी के अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा भी हिमाचल से हैं और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी हिमाचल से हैं इसलिए पार्टी किसी कीमत पर हारना नहीं चाहेगी।

जहां तक कांग्रेस पार्टी  का सवाल  है कांग्रेस इस समय विपक्ष में है और बड़े कठिन दौर से गुजर रही है,कांग्रेस के यहां टिकट के लिए कोई जिद्दो जहद नहीं है ,कई बरिष्ठ कांग्रेसी खुद ही बहाना बना कर चुनाव में नहीं उतरना चाहते हैं।यद्यपि उन्होंने मंडी लोक सभा, कोटखाई विधान सभा तथा फतेहपुर विधान सभा से प्रभावित उम्मीदवार खोज लिए हैः बताया जा रहा है कि अर्की विधान सभा सीट पर दो गुटों की अलग अलग पसंद के कारण अभी प्रत्याशी ढूंढने  में कठिनाई आ रही है।

दोनों पार्टियों के  संभावित उम्मीदवारों को तैयारी के लिए बोल दिया गया है केवल पार्लियामेंट्री बोर्ड की मुहर लगना शेष है।आने वाले दिनों में प्रदेश में गहमा गहमी ,आरोप प्रत्यरोपों का शोरगुल भी सुनाई देगा।

गणेश दत्त।

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