प्रदेश
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भाजपा के दिग्गजों ने खूब पसीना बहाया ,सभी ने गर्म इलाकों में गर्मी का मुकाबला किया,अनुराग ठाकुर, जयराम ठाकुर, डाक्टर राजीव बिंदल, पार्टी महासचिव संगठन सिद्धार्थन, डाक्टर सिकंदर, बिहारीलाल सहित पार्टी के अनेक रणनीतिकार विशेषकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह व श्रीयुत श्रीकांत अपनी पूरी शक्ति के साथ चुनाव जीतने की रणनीति में रात दिन जुटे रहे.और रूठों को मनाते रहे.संघर्ष सरकार के साथ था लेकिन यह भी संघर्ष था कि इस्तीफा कयों दिया?उसकी एक ही काट थी कि सरकार ने हमारी अनदेखी की इसलिए हमने इस्तीफा दिया.
सरकार का दबाव, विपक्ष का पसीना और निर्णय जनता के हाथ में.,आज तीनों स्थानों में बोटिंग हो रही है,पूरे चुनाव…
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Breaking News ___ हिमाचल प्रदेश पहाड़ी प्रदेशों में कर्जदारों में नंबर वन, दूसरे नंबर पर उत्तराखंड और तीसरे नंबर पर त्रिपुरा,हिमाचल शीघ्र ही 1 लाख करोड़ का कर्जदार बनने जा रहा है,कर्ज की सीमा का अंत कहां है अभी तक इस पर चिंता हो रही है लेकिन कर्ज लेने का सिलसिला कहां रूकेगा इसका भी पता नहीं है,हिमाचल एक ऐसा राज्य बन गया है जो 20 पै कमाने के लिए 1 रूपया ख़र्च कर रहा है हालात बहुत बहुत नाजुक हैं सरकार को कुछ क्षेत्रों में आर्थिक आपातकाल लगाना पड़ेगा,लेकिन इस ओर सरकार का अभी तक ध्यान नहीं गया है,चारवाक के सिद्धांत पर चल रही है सरकार.
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन चिंताजनक होती जा रही है,इस समय प्रदेश लगभग 95 हजार करोड़ के कर्ज…
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उपचुनाव में कांग्रेस को लोकसभा की लीड का भय सता रहा है,प्रचार में 2 दिन शेष, दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है,एक प्रकार से तोनों विधान सभा क्षेत्र पार्टी कार्यकर्ताओं की छावनी बन गये हैं,देहरा में कांग्रेस का पूरा फोकस है,मतदाता अपने लिये लाभ हानि देखकर मतदान करेगा ऐसा समझा जा रहा है.सरकार की पूरी शक्ति देहरा में लगी हुई है.
तीन उपचुनाव देहरा,हमीरपुर और नालागढ़ में लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी बढ़त से कांग्रेस घबराई हुई है.हालांकि लोक…
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सेब का सीजन सिर पर सरकार की तैरारियां अभी अधूरी,भट्टाकुफर मण्डी में पत्थर किरने की आशंका से बागवान चिंतित, सीजन समाप्त होते ही सारी चींजें भूल जाता है प्रशासन, तब याद आती हैं कमियां जब आवश्यकता होती है सारे काम पूर्ण होने की.कम ऊंचाई का सेब मंडी में पहुंचना शुरू.
हिमाचल सरकार बागवानों की मांगों पर विचार करते हुए, इस बार यूनिवर्सल कार्टन योजना पर काम करने जा रही है,बागवानों…
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धर्मांतरण के मामलों में भारी बुद्धि चिंताजनक, सरकार की मशीनरी अकर्मण्य कयों , ? कई परिवार टूटते नजर आ रहे हैं पहले तो दूरदराज के क्षेत्रों में ही धर्मांतरण के मामले सामने आते थे अब तो शहरी इलाकों में भी भारी संख्या में मिशनरी सक्रिय हैं,एक रिपोर्ट के अनुसार रोहडॣ ,रामपुर किन्नौर में मिशनरी भारी संख्या में लोभ लालच देकर हिंन्दुओं को ईसाई बना रहे हैं,शिमला के साथ लगते क्षेत्रों भट्टाकुफर संजौली ढली के क्षेत्रों में रविवार को प्रेयर के नाम से धर्मांतरण किये जा रहे हैं सरकार को जोर जबरदस्ती धर्मांतरण का कड़ा संज्ञान लेना चाहिए.
देश के कई भागों में धर्मांतरण के मामलों में बृद्धि होना बहुत चिंता का विषय है,अभी हाल ही में इलाहाबाद…
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हिमाचल के तीन उपचुनावों की तस्वीर अब धीरे धीरे साफ होती जा रही है,भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व अनुराग ठाकुर, जयराम ठाकुर पार्टी अध्यक्ष डाक्टर राजीव बिंदल के मोर्चा संभालने के बाद अब पूर्व विधायक नरेन्द्र ठाकुर के सक्रिय हो जाने से अब हमीरपुर व नालागढ़ विधान सभा की तस्वीर लगभग साफ हो गई है,कांग्रेस पार्टी ने भी अब हमीरपुर व नालागढ़ का ध्यान छोड़कर केवल देहरा में पूरी शक्ति झौंक दी है,इस सीट पर मुख्य म॔त्री सुखविंदर सिंह सिक्खू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है यहां से उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर के खड़े होने के बाद यह चुनाव दिलचस्प हो गया है.
हिमाचल प्रदेश के तीन उपचुनावों पर अब तस्वीर साफ होती जा रही है,हमीरपुर में पूर्व केन्द्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर…
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तीन उपचुनाव भाजपा कांग्रेस के लिये नाक का सवाल, दोनों के लिए Nothing to loose and Nothing to gain,के बावजूद दोनों पार्टियां जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं रख रही हैं,मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पत्नी को देहरा से खड़ा कर अपने लिये मुसीबत मोल ले ली है,तो आजाद विधायकों यह कहे नहीं बन रहा है कि इस्तीफे देकर चुनाव कयों लड़ रहे हो.फिलहाल तीनों विधान सभा क्षेत्रों में कांटे की टक्कर है,6 दिन शेष बचे हैं.
हिमाचल प्रदेश विधान सभा के तीन उपचुनाव भाजपा कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गये हैं,पत्नी को खड़ा कर…
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हिमाचल प्रदेश सचिवालय 4 माह से सूना है,फरियादी आकर देखकर निराश होकर चले जाते हैं,पहले लोक सभा व उप चुनाव में सरकार ब्यस्त थी उसके तुरंत बाद तीन उपचुनाव सिर पर आ पड़े, ये चुनाव क्यों आये पूरे चुनाव में इसी विषय पर चर्चा और चुनाव अभियान चलाए जा रहे हैं,अब निर्णय जनता को ही करना है कि यह परिस्थिति कयों आई,सरकार गलत या इस्तीफे देने वाले गलत यह जनता तय करेगी,लेकिन चुनाव के कारण सरकार का सचिवालय से अनुपस्थित रहना जनता को भारी पड़ रहा है.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय 4 माह से सूना है,फरियादी आकर देखकर निराश होकर चले जाते हैं,पहले लोक सभा व उप चुनाव…
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हिमाचल सरकार को कर्ज और देनदारी का ब्याज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ेगा, साल के अंत तक प्रदेश का कर्ज 1 लाख करोड़ तक पहुंच जायेगा,सरकार कर्ज लेने की सीमा को पार कर जायेगी ,सरकार के पास विकास के लिये केवल 90% विशेष राज्य की केंद्रीय सहायता ही रह जायेगी,शायद प्रदेश को अपने हिस्से की 10% राशि को जुटा पाना भी कठिन हो जायेगा ,सरकार अब केंद्रीय सहायता पर ही निर्भर रहेगी,सरकार की घोषणायें तो गगन चुंम्बी हैं लेकिन पल्ले कुछ नहीं है,मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद भी चिंता जाहिर की है कि देनदारी और ब्याज के भुगतान के लिये भी कर्जा लेना पड़ेगा बहुत दयनीय स्थिति बनती जा रही है आर्थिक संकट की.
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन चिंताजनक होती जा रही है,मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आर्थिक संकट…
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