हिमाचल से “नशा” समाप्त करने वाली सरकार को लोग बहुत आशीर्वाद देंगे,हर व्यक्ति हर घर हर पार्टी, नशे से परेशान तो है लेकिन जिनके घर में नशा घुस गया है वो व्यक्ति घुट घुट कर मर तो जाता है, लेकिन बदनामी होने के डर से अपनी व्यथा किसी को नहीं बताता,शिमला के नये पुलिस अधीक्षक भी नशे के खिलाफ कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन वह कहां तक सफल होंगे यह समय ही बतायेगा।लेकिन प्रयासरत जरूर हैं,हिमाचल में पंजाब के रास्ते नशे के प्रवेश से खासकर चिट्टा के व्यापार से हिमाचल का माहौल खराब होता जा रहा है।स्कूल कालेज से लेकर समाज का एक वर्ग इसकी चपेट में आ चुका है,जो एक नासूर बनता जा रहा है।
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