इन्दिराा गांधी मेडिकल कालेज को लंगर को लेकर, राजनीति का अखाड़ा क्यों बनाया जा रहा है,मरीजों को समय पर भोजन मिले यह उनकी अपेक्षा है, भोजन कौन उपलब्ध कराए यह अस्पताल प्रशासन का विषय है,किसी व्यक्ति की समस्या नहीं है, सोचने का विषय है , कि” एक बाबी ” काफी पहले से लंगर चला रहा था,अब प्रशासन को क्या मुश्किल आ रही है?यह उनका विषय है,मुख्य मंत्री श्री जयराम ठाकुर ने सारे प्रकरण पर जांच बिठा दी है,मजिस्ट्रेट जांच करेंगे,अब थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
शिमला का इंदिरागांधी मेडिकल कॉलेज इन दिनों एक लंगर को लेकर चर्चा में है,सभी राजनीतिक पार्टियां लंगर को लेकर लंगोठे कस कर रोज प्रदर्शन कर रहे हैं, मेडिकल कालेज चिकित्सालय न हो कर इसे राननीति चमकाने का केंद्र बन गया है यह दुर्भाग्य पूर्ण है।काफी समय से वहां एक समाज सेवी बौबी”इस कन्टीन को चला कर मरीजों उनके तीरमदारों को मुफ़्त में भोजन मुहैया कराता था समय समय पर उसे सरकार ने सम्मानित भी किया।
पिछले कुछ महिनों से अस्पताल प्रबंधन व बौबी के बीच कुछ अनिमितताओं को लेकर विवाद चल रहा था गत सप्ताह अस्पताल प्रबंधन ने उसे बेदखल कर उसका सामान बाहर रख दिया है।कहा जा रहा है कि बौबी “खुद भी बीमार है बौबी”की बिमारी के चलते उसे कौन चला रहा था यह भी एक विषय था, क्या प्रबंधन की अपेक्षाओं के अनुरूप काम नसीं चल रहा था या कुछ और विषय था।काफी हो हल्ला के बाद अब सरकार ने इस विषय पर जांच बिठा दी है।
मुख्य मंत्री के आदेश के बाद इस प्रकरण की जांच शिमला के एक अधिकारी ए डी एम शिमला जांच करेंगे और 15 दिन के भीतर सरकार को रिपोर्ट करेंगे, विषय की गंभीरता को लेकर सरकार के जांच का आदेश सराहनीय प्रयास है।
अब 15 दिन के भीतर रिपोर्ट आ जायेगी इसलिए सभी को संयम रखना चाहिए, अस्पताल में मरीजों को उनके तीरमदारों को रोटी मिले यह सबकी इच्छा होनी चाहिए उसे कौन उपलब्ध करायेगा यह किसी विषय नहीं होना चाहिए।
उम्मीद करनी चाहिए कि सरकार की जांच के बाद दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा और जरूरत मंद लोगों को लंगर कैन्टीन से भोजन उपलब्ध होगा ऐसी अपेक्षा करनी चाहिए।
गणेश दत्त।
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