R S S से कर्नाटक सरकार कयों भयभीत है ;बैन लगाने की धमकी देने के पीछे क्या है?डरना या डराना ,R S S पर बैन कई बार लगा और सरकारों ने मुंह की खाई,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोई साधारण संगठन नहीं है यह देश का नेतृत्व करने वाला संगठन है और बिना किसी सरकारी सहायता से चलता है,समाज निर्माण में अपनी भूमिका निभाता है,आपदाओं में नर सेवा नारायण सेवा के मंत्र को लेकर बिना किसी के आदेश से अपनी जगह खड़ा हो जाता है।
कहावत है कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर भागता है।इसी प्रकार जब कहीं कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो पहली प्रतिक्रिया आती है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगायेंगे।यह कांग्रेस का डर है या संघ को डराने का माध्यम है।
अभी तक संघ के ऊपर तीन चार बार बैन प्रतिबंध लग चुका है।उसकी सुनवाई के लिए गठित ट्रिब्यूनल ने सदा ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को क्लीन चिट दी है।चाहे वह गांधी जी हत्या पर लगे आरोप हो,1975 में आपातकाल लगने बाद का बैन हो या बाबरी विध्वंस के समय लगा बैन है हमेशा तत्कालीन सरकारों को मुंह की खानी पड़ी है।इसलिए किसी भी पार्टी की सरकार हो सभी को यह सोचना चाहिए कि संघ किसी की गीदड़ भबकी से डरने वाला नहीं है यह जरूर है कि बैन की धमकी देकर कांग्रेस या अन्य दल अपने दिल को तसल्ली जरूर दे सकते हैं।
गणेश दत्त।
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