सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को समय रहते सेना की सहायता की मांग करनी चाहिए, सरकार का तंत्र बड़ी सम्स्या का निदान करने में उतना सक्षम नहीं है। खतरा कम नहीं हुआ है कई भवन खतरे की जद में हैं यदि वर्षात का तांडव ऐसा ही रहा तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है जिन्हें संभालना कठिन होगा,जिन भवनों में दरारें पड़ी हुई हैं वे कभी भी गिर सकती हैं प्रदेश की अधिकांश सड़के टूट गई हैं यातायात काभी दुर्लभ हो रहा है इसलिए सेना की मदद लेना जरूरी हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में भयंकर बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सेना की सहायता लेना आवश्यक हो रहा है।
जिस प्रकार प्रदेश की अधिकांश सड़कें टूट चुकी हैं सारे रास्ते अवरुद्ध हैं।अधिकांश भवनों में दरारे आ चुकी हैं।उसका समय पर हल निकालने व मुरम्मत के कार्यों को गति देने के लिए सेना की मदद लेना आवश्यक होगा।सरकारी तंत्र का काम करने का स्टाइल वैसा नहीं होता जैसा सेना का होता है इसलिए प्रदेश सरकार को प्रदेश के हालात को सामान्य बनाने व लोगों के आवाजाही के साधनों को सुचारू बनाने के लिए सेना ही बिकल्प बचा है।
गणेश दत्त।
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