तीन उपचुनाव भाजपा कांग्रेस के गले में फंसे,वैसे इस तीनों की स्थिति वैसे ही है जैसे पहले थी तीनों विधायक पहले आजाद थ,लेकिन आज वे तीनों भाजपाई हैं,आम चर्चा इस बात की है कि इन्होंने इस्तीफा कयों दिया था,इस सवाल का सटीक जवाब इन तीनों विधायको को ढूंढकर देना चाहिए, कांग्रेस और अन्य लोग बार-बार यही पूछेंगे कि 15 महिने बाद इस्तीफा कयों दिया,उत्तर यह है कि सरकार में हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, कयोंकि हम आजाद थे, जनता हमें काम बताती थी लेकिन सरकार हमारी सुनती ही नहीं थी, इसलिए केन्द्रीय योजना से अपने कार्य करवाने के लिए हमने यह कदम उठाया, अभी जितने भी कार्य हो रहे हैं वे सभी केंद्रीय योजना के माध्यम से ही हो रहे हैं,कयोंकि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत प्राप्त था इसलिए वह घमंड में थी और आजाद विधायकों की वह सुनती नहीं थी, इसलिए हमने इस्तीफा दिया और अपनी सीट की कुर्बान कर दी.इस समय कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत प्राप्त है और भाजपा 25 से बढ़कर कर 27 हुई है,फर्क दोनों को नहीं पड़ता लेकिन.मनोवैज्ञानिक संतोष दोनों को प्राप्त होगा.
तीन उपचुनाव भाजपा कांग्रेस के गले की फांस.10 जुलाई को उपचुनाव होंगे और 13 जुलाई को परिणाम आयेंगे,अभी हाल ही में संपन्न लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अच्छी खासी बढ़त है.और तीनों विधान सभाओं में भाजपा को बहुत समर्थन मिला है.
गणेश दत्त.
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