हिमाचल सरकार को प्रशासनिक खर्चे कम करने के लिए एक जैसे व्यवसाय करने वाले विभागों का एकदूसरे में विलय कर देना चाहिए, कुछ विभागों में केवल कुर्सी तोड़ते का काम है और उस विभाग से केवल खर्व में लगातार बृद्धि हो रही है सरकार को कोई लाभ नहीं हो रहा है,ऐसे दर्जनों विभाग है जिनका आपस में विलय किया जा सकता है,आने वाला समय हिमाचल में आर्थिक आपातकाल लगाने जैसा हो सकता है,सरकार को अब 20पै पैदा करने के लिए 120₹ खर्च करने पड़ रहे हैं हालात नाजुक होते जा रहे हैं..
हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को कुछ विभागों बोर्ड निगमों को एक दूसरे में विलय कर प्रशासनिक खर्च कम करने की आवश्यकता है,ऐसा देखा जाता है कि एक जैसा फंक्शन करने वाले विभागों की अलग अलग पहचान बनाई गई है,एक समय था जब इन विभागों की आवश्यकता रही होगी और उस समय प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक रही होगी तब अलग अलग विभाग बोर्ड निगम बनाये होंगे लेकिन आज उसकी आवश्यकता समाप्त हो गई है, और कुछ बोर्ड निगम सफेद हाथी साबित हो रहें जिनका करोड़ों रुपए का मासिक वेतन गाड़ी और अन्य खर्चे हैं जिसे अब प्रदेश सहन नहीं कर पा रहा है इसलिए यह आवश्यक है कि एक जैसे फंक्शन करने वाले विभागों,बोर्ड निगमों का एक दूसरे मे विलय हो.
गणेश दत्त.
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