अटल बिहारी वाजपेई जी यदि हिमाचल के 533 करोड़ के घाटे को एकलख्त One time सहायता देकर संकट से ना उबारा होता तो आज हिमाचल और अधिक समस्या में होता, लेकिन कांग्रेस की सरकार उसका कहीं जिक्र तक नहीं करेगी कयोंकि उससे कांग्रेस की तोहीन हो जायेगी,2003 में हिमाचल में भाजपा सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी,लेकिन केंद्र में अटल जी की सरकार थी,प्रधान मंत्री आदरणीय अटल जी मनाली आये थे,तत्कालीन मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह जी ने प्रदेश का पक्ष अटल जी के सामने रखा और उस समय हिमाचल के सिर पर 533 करोड़ कर्ज था,अटल जी ने तत्काल 533 करोड़ की सहायता देकर हिमाचल को कर्जा मुक्त कर दिया था यदि कर्जा माफ नहीं होता तो हिमाचल कभी का दिवालिया हो जाता.
हिमाचल प्रदेश के ऊपर हमेंश भारतीय जनता पार्टी सरकार का वरदहस्त रहा है,अटल बिहारी वाजपेई जी ने 533 करोड़ रुपए के कर्ज को एकलख्त माफ कर प्रदेश सरकार को कर्जा मुक्त कर दिया था,यदि उस समय अटल जी हिमाचल का कर्जा माफ नहीं करते तो हिमाचल कब का दिवालिया हो जाता .यही नहीं धूमल जी की सरकार के समय पार्वती प्रोजेक्ट के शिलान्यास के अवसर भी तत्कालीन मुख्य मंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल जी के निवेदन को स्वीकार करते हुए अटल जी ने 400 करोड़ की अतिरिक्त सहायता हिमाचल प्रदेश को विकास के लिए प्रदान की है,कांग्रेस शासनकाल में हिमाचल को कभी भी कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिली है.लेकिन कांग्रेस सरकार केन्द्र में भाजपा सरकार के हिमाचल के प्रति उदारता का कही जिक्र नहीं करती,केवल केन्द्र हमारी मदद नहीं कर रहा है यही सुनने को मिलता है.
गणेश दत्त.
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