दिल्ली का दंगल–हवा कुछ बदली बदली सी है तीन चुनावों के बाद इस बार भाजपा के हालात अच्छे ,कांग्रेस खाता खोलने की स्थिति में आप में आपदा का माहौल, भाजपा के लिए इस बार परिस्थिति काफी अनुकूल लग रही है,पहले के हवाई संगठन को मजबूत रूप में देखा जा सकता है,राजनीति के पंडित भाजपा को 45 सीटें ,आप पार्टी को 20 सीटें और कांग्रेस को 5 सीट निलने का अनुमान लगा रहे हैं भाजपा को पहले से 7%वोट अधिक मिलेंगे और आप का 8% वोट कांग्रेस को सिफ्ट होगा.
दिल्ली विधान सभा चुनाव में सारे देश की नजर लगी हुई है ,लगातार सरकार में आ रही आप पार्टी आपदाग्रस्त बन गई है,किसी समय ईमानदारी की कसम खाकर सत्ता में आई पार्टी ने भ्रष्टाचार कुशासन और फिजूल खर्ची के सारे रिकार्ड तोड दिये हैं,हम सरकारी कोठी नहीं लेंगे हम सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे की कसम खाकर सत्ता में आई पार्टी ने सभी सीमायें लांघ दी हैं जिससे लोगों के विश्वास पर गहरी चोट लगी है.
पिछल दो चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन कुछ असरदार नहीं रहा,और आप पार्टी को प्रचंड बहुमत प्राप्त होता रहा है लेकिन इस बार हवा कुछ बदली बदली सी है,कांग्रेस पार्टी भी इस बार खाता खोलने की स्थिति में पहुंच चुकी है.दिल्ली में रसातल पर पहुंची कांग्रेस इस बार आप पार्टी के खिलाफ काफी मुखर दिख रही है.एक सर्वे के अनुसार इस बार आप पार्टी सत्ता से बेदखल होती दिख रही है हालांकि राजनीति का सही अनुमान रिजल्ट आने पर लग सकता है लेकिन राजनीतिक पंडित बता रहे हैं कि भाजपा इस बार 45 सीटों तक पहुंच सकती है और आमआदमी पार्टी को 20 और कांग्रेस को 5 सीटें प्राप्त हो सकती हैं.आमआदमी पार्टी को सबसे अधिक नुकसान उसके दोहरे चरित्र से हो रहा है ,भ्रष्टाचार को समाप्त करने के नाम पर जनलोकपाल लाने का वायदा करने वाली पार्टी सबसे भ्रष्ट और वादाखिलाफी वाली पार्टी साबित हुई है और इस पार्टी के लगभग सभी नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की हवा खाकर आ रहे हैं निश्चित ही दिली का विधान सभा चुनाव एक नया संदेश लेकर आने वाला है और इस बार दिल्ली की सरकार केन्द्र की मित्र सरकार डबल इंजन की सरकार बनेगी ऐसी उम्मीद की जा रही है.
गणेश दत्त.
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