“चिट्टे की काली दुनियां” के खुलते राज बहुत भयानक हैं चिट्ठेके साम्राज्य में,सरकार के अधिकारी,MBBS डाक्टर, राजनेताओं के रिश्तेदार, पुलिस के जवान, महिलायें,युवा बुजुर्ग, माफिया गैंग के सरगना सभी के सभी अपने हाथ रंगने में लगे हुए हैं,राज्यपाल के सख्य निर्देश के बाद शिमला जिला पुलिस का संजीव गांधी के नेतृत्व में चिट्टे के कारोबार में लगे लोगों की धरपकड़ प्रशंशा के योग्य है लेकिन अभी तक पकड़े गए मामले समुद्र में एक बूंद के समान हैं अभी और तेज प्रयास अपेक्षित हैं.
हिमाचल में चिट्टे का काला कारोबार अपनी जड़ें जमा चुका है,धरपकड़ में ऐसे ऐसे खुलासे हो रहे हैं कि मन बहुत व्यथित हो रहा है,यहां तो बाड ही खेत को खा रहा है,जिनकी जिम्मेदारी चिट्टे के निवारण में लगी है वे ही चिट्टे का कारोबार में संलिप्त पाये जा रहे हैं,तहसील वेल्फेयर अधिकारी का चिट्टे की गैंग में शामिल पाया जाना बहुत ही दुखद ही नहीं मन को गहरी चोट देने वाला है,डाक्टर, महिलाओ, युवा बुजुर्गों का इस कारोबार में संलिप्त पाया जाना बहुत चिंताजनक है,सारी दाल ही काली है,
शिमला जिला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की टीम का सराहनीय कार्य चिट्टे की गिरफ्त और धरपकड़ में सामने आ रहे मामले आश्चर्य चकित करने वाले हैं ,किस प्रकार चिट्टे ने अपनी जड़े सभी जगह फैला दी हैं उन जड़ों तक पहुंचना कितना कठिन होगा यस सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है लेकिन पुलिस का प्रयास अच्छा है और अधिक सक्रिय रूप से चैकिंग धरपकड़ को बढ़ा कर दोषियों को जेल की खदानों तक पहुंचाने की आवश्यकता है.
गणेश दत्त.
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