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भाजपा -अकालियों की दोस्ती टूटने के बाद निश्चिन्त कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने का अनुमान, तीसरी शक्ति को लाभ होगा।कांग्रेस की फूट का लाभ सीधा आप को हो सकता है कांग्रेस नये नेतृत्वके रूपमें सिद्धू पर दांव खेलने के चक्करमें है लेकिनकैप्टनमानने को तैयारनहीं है।।

भारतीय जनता पार्टी और अकालियों की दोस्ती समाप्त होने के बाद कांग्रेस अपने को अनचैलेंन्ज मान कर चल रही थी,लेकिन मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धधू की राजनीतिक दुश्मनी के कारण कांग्रेस जीती हुई बाजी हार सकती है।जिस प्रकार कांग्रेस में मलयुद्ध चल रहा है उससे कांग्रेस की लड़ाई अब निर्णायक मोड॔ पर आ गयी है,
अकालीदल ने बहुजन समाज पार्टी से चुनावी समझौता तो कर लिया है,उसका अकालियों को कितना लाभ होगा यह समय ही बतायेगा।हालांकि पंजाब में दलित वोट अच्छी संख्या में है तधा अकाली थोड़ा बहुत उसका लाभ उठा सकते हैं लेकिन विजय के नजदीक शायद नही पहुंच सकते हें या नहीं इसके बारे में कुछ कहना कठिन है।
भाजपा और अकालियों का बहुत पुराना वैचारिक रिस्ता रहा है लेकिन पिछले वर्ष कृषि कानूनों को लेकर अकालियों ने सरकार का विरोध किया और आज वह विरोध राजनीतिक शत्रुता में बदल गया है।
भाजपा अकालियों की दुश्मनी,कांग्रेस में सिरफटोल निश्चित ही आप पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है।कांग्रेस अब सिद्धू के रूप में नये नेतृत्व को देने का विचार रखती है लेकिन यह प्रयोग कितना सफल होगा यह तो समय ही बतायेगा क्योंकि सिद्धू की शिश्सनीयता अभी तक शंका के घेरे में है।वह कभी आप की तारीफ कर देता है तो कभी भाजपा से नजदीकता का हाथ बढ़ाता है,इसलिए उस पर कोई विश्वास नहीं करता।
फरवरी माह के पहले सप्ताह में पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव होंगे जनवरी माह में आचारसंहिता लग जायेगी इस प्रकार केवल 5 महिने का समय बाकी है।इसलिए यह कहना भी कठिन है कि कौन सी पार्टी सत्ता मे आयेगी।

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